Pradosh Vrat March 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास में दो बार त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में आता है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस महीने प्रदोष व्रत 19 तारीख को रखा जाएगा। इस दिन रविवार है, ऐसे में इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आइए जानते हैं रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
- चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ: 19 मार्च को सुबह 08.08 मिनट पर
- चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समापन: 20 मार्च को दोपहर 04.56 मिनट तक
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त: शाम 06.35 मिनट से रात 08.55 मिनट तक
इस दिन सुबह उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। महादेव का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें। एक तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, हल्दी और अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। प्रदोष व्रत के दिन शिव परिवार की पूजा की जाती है। पूजन के शिवलिंग पर जल अर्पित करें। फिर बेलपत्र, धतूरा, शमी की पत्तियां और गन्ने का रस चढ़ा दें। अब धूप-दीपक जलाकर भगवान शिव के मंत्र, शिव चालीसा और व्रत कथा का पाठ करें। शिव आरती करें और फलाहारी व्रत रखें। चतुर्थी तिथि को स्नान आदि करने के बाद पूजा करें और अपना व्रत खोलें।
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