ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। सावन के मौसम में सोलह सोमवार का व्रत करने वाले व्रतधारियों के लिये शुद्धता से पूर्ण मिठाइयां और व्यंजन का स्टाल ढूंढना किसी चुनौती से कम नहीं होता। शुद्धता के साथ तैयार मिठाइयां और व्यंजन के लिये विवेकानंद तिराहा ठाटीपुर स्थित श्रीजी मिष्ठान का प्रतिष्ठान एक बेहतर विकल्प है।
यहां तैयार होने वाली सभी मिठाइयां स्वयं की निजी डेयरी के दूध से ही तैयार होती हैं।संचालक विकास सिंह यादव ने बताया कि उनके पिता उम्मेद सिंह यादव को स्वयं शुद्ध खाना और दूसरों को भी शुद्ध खिलाने का शौक है। पिता के इसी शौक को पूरा करने के लिये होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद श्रीजी मिष्ठान एवं रेस्टारेन्ट का व्यवसाय शुरू किया।पिता 32 वर्षों तक सांची दुग्ध संघ में डायरेक्टर के पद पर रहे। उनके फूड की शुद्धता के अनुभव का लाभ लेते हुये सभी चीज में शुद्धता का विशेष ध्यान रखकर फूड तैयार करते हैं।
विकास सिंह यादव ने बताया कि शुद्धता बनाये रखने के लिये कल्याणी तिराहा टेकनपुर में स्वयं की डेयरी खोली है,जिसमें 50 से ज्यादा भैंस हैं। उन्हीं भैंस के दूध से तैयार घी,पनीर,मावा,दही का उपयोग प्रतिष्ठान में मिठाइयां बनाने के लिये किया जाता है।यही कारण है कि मिठाइयां और व्यंजन में शुद्धता रहती है।
मलाई बर्फी बनाने के लिये दूध को कढ़ाही में गर्म करके उसमें थोड़ा सा नीबू रस डाला जाता है,जिससे वह हल्का फटकर दानेदार हो जाता है।इसके बाद दूध में शक्कर डालकर उसे कढ़ाही में चलाते हुये गाढ़ा होने तक चलाया जाता है। दूध के गाढ़ा होने के बाद इसे बड़ी ट्रे में डालकर ठंडा होने के लिये रख दिया जाता है। ठंडा होने के बाद इसे बर्फी के आकार में काटकर मलाई बर्फी तैयार की जाती है। यह व्रत के लिये सर्वोत्म होती है।
व्रत में सबसे ज्यादा श्रीजी के विशेष हनी ड्रायफ्रूट लड्डुओं की मांग रहती है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिये भी लाभदायक होते हैं।ड्रायफ्रूट लड्डू बनाने के लिये सबसे पहले काजू,बादाम,किसमिस,पिस्ता को बारीक काटकर घी में तला जाता है। इसके बाद शक्कर से चासनी तैयार करके उसमें ग्लूकोज लिक्विड और शहद(हनी) मिलाते हैं। इसके बाद तैयार की गई गर्म चासनी में तले हुये ड्राय फ्रूट को डालकर अच्छे से मिलाया जाता है। सभी मिश्रण को मिलाकर स्वादिष्ट लड्डू तैयार किये जाते हैं।