Sawan Somwar 2023: 28 अगस्त को है सावन का आखिरी सोमवार, बनेंगे 5 शुभ संयोग
Sawan Somwar 2023 सावन के पवित्र महीने का आखिरी सोमवार का व्रत इस बार 28 अगस्त 2023 को रखा जाएगा। इस दिन 5 शुभ संयोग भी निर्मित हो रहे हैं।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 26 Aug 2023 10:22:11 AM (IST)
Updated Date: Sat, 26 Aug 2023 10:22:11 AM (IST)
28 अगस्त को शुभ मुहूर्त में यदि भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है तो भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहेगी।HighLights
- हिंदू पंचांग के मुताबिक, 28 अगस्त 2023 को सावन के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है
- पंचांग के अनुसार, सुबह मुहूर्त: प्रातः 9:09 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक है और प्रदोष काल मुहूर्त शाम 6:48 बजे से रात 9:02 बजे तक है।
- दोपहर में 2:56 बजे त्रयोदशी तिथि के साथ मेल खाता है, जो सूर्यास्त का प्रतीक है।
Sawan Somwar 2023। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है और इस दौरान भगवान भोलेनाथ की खास पूजा की जाती है। सावन के पवित्र महीने का आखिरी सोमवार का व्रत इस बार 28 अगस्त 2023 को रखा जाएगा। इस दिन 5 शुभ संयोग भी निर्मित हो रहे हैं। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, 28 अगस्त को शुभ मुहूर्त में यदि भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है तो भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहेगी।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 28 अगस्त 2023 को सावन के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है और इस दिन त्रयोदशी तिथि भी शुरू होगी। पंचांग के अनुसार, सुबह मुहूर्त: प्रातः 9:09 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक है और प्रदोष काल मुहूर्त शाम 6:48 बजे से रात 9:02 बजे तक है। इसके अलावा सोमवार 28 अगस्त 2023 से द्वादशी तिथि मंगलवार दोपहर 12:38 बजे तक रहेगी। वहीं दोपहर में 2:56 बजे त्रयोदशी तिथि के साथ मेल खाता है, जो सूर्यास्त का प्रतीक है।
आखिरी सोमवार बनेंगे ये 5 शुभ योग
- आयुष्मान योग: सूर्योदय से प्रातः 8:27 बजे तक
- सौभाग्य योग: सुबह 8:27 बजे से शाम 5:51 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: रात्रि 1:01 बजे से 1:01 बजे तक
- रवि योग: रात्रि 1:01 बजे से 1:01 बजे तक
- सावन सोमवार योग: आखिरी सावन सोमवार प्रदोष व्रत के साथ पड़ने से शुभ संयोग बन रहा है।
ये करें उपाय
- आखिरी सोमवार को सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
- भगवान शिव का जलाभिषेक कर व्रत का संकल्प लें।
- माता पार्वती और नंदी को भी गंगा जल या दूध अर्पित करें।
- पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं।
- शिवलिंग को धतूरा, भांग, चंदन का लेप, चावल आदि से सजाएं।
- भगवान शिव और माता पार्वती और गणेश जी को तिलक लगाकर पूजा करें।
- आखिर में 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और आरती करें।
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