शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा के दिन चांद अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है। इस तिथि के पौराणिक महत्व के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बूंदें झरती हैं।
Publish Date: Sat, 04 Oct 2025 10:32:55 PM (IST)
Updated Date: Sat, 04 Oct 2025 10:33:21 PM (IST)
शरद पूर्णिमा।आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि छह अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से प्रारंभ होकर दूसरे दिन सात अक्टूबर 2025 को प्रात: काल नौ बजकर 16 बजे तक रहेगी। ऐसे में शरद पूर्णिमा का पावन पर्व छह अक्टूबर को मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा जिसे कोजागर पूजा के नाम से भी जाना जाता है, उसके लिए शुभ मुहूर्त छह अक्टूबर को रात्रि 11:45 बजे से लेकर सात अक्टूबर को पूर्वाह्न 12:34 बजे तक रहेगा। छह अक्टूबर को चंद्रोदय शाम को पांच बजकर 27 बजे होगा।
शरद पूर्णिमा के दिन चांद अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है। इस तिथि के पौराणिक महत्व के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बूंदें झरती हैं। पूर्णिमा की रात में जिस भी चीज पर चंद्रमा की किरणें गिरती हैं। उसमें अमृत का संचार होता है। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात में खीर बनाकर पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है और सुबह उठकर यह खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है।