Shattila Ekadashi 2022 । षटतिला एकादशी का व्रत हर वर्ष माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है और इस वर्ष षटतिला एकादशी 28 जनवरी, शुक्रवार को है। Shattila Ekadashi पर पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा के दौरान तिल का प्रयोग जरूर करना चाहिए। साथ ही षटतिला एकादशी व्रत करते समय कुछ सख्त नियमों का भी पालन करना चाहिए। ऐसा करने से श्रद्धालुओं को शुभ फल प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी व्रत करने समय इन नियमों का पालन करना चाहिए -
- Shattila Ekadashi के व्रत से एक दिन पहले मांसाहारी और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए।
- Shattila Ekadashi का व्रत करने वाले व्यक्ति को बैगन और चावल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत करने वाले व्यक्ति को व्रत के दिन तिल का लेप लगाकर जल में तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
- षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तिल का प्रयोग करना चाहिए ऐसे करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही पूजा में भगवान विष्णु को तिल भी चढ़ाना चाहिए।
- Shattila Ekadashi व्रत रखने वाले लोगों को तिल से बनी चीजें और तिल के पानी में मिला हुआ पानी फलों के आहार में लेना चाहिए। षटतिला एकादशी के दिन तिल चढ़ाने और तिल का दान करने का विधान है।
- Shattila Ekadashi व्रत के दिन पूजा के समय व्रत की कथा सुनें। व्रत को सुनने से इसके महत्व का पता चलता है और व्रत का पुण्य प्राप्त होता है।
Shattila Ekadashi में पूजा सामग्री
षटतिला एकादशी व्रत में तिल का प्रयोग महत्वपूर्ण है। इस व्रत में तिल के जल से स्नान करना, तिल मलना, तिल का जल पीना, तिल का भोग लगाना, तिल से बने भोजन का महत्व है, इसके अलावा इन व्रत के दौरान इन चीजों की भी जरूरत हो सकती है -
1. काला तिल
2. तिल के लड्डू
3. तुलसी का पत्ता
4. पंचामृत
5. केला, मौसमी फल, सुपारी, सुपारी
6. पीला कपड़ा, पीला फूल
7. धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत
8. Shattila Ekadashi व्रत कथा पुस्तक
9. भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र
10. गरीबों या ब्राह्मणों को दान की जाने वाली वस्तुएं
11. गाय का घी, कपूर
Shattila Ekadashi 2022 पूजा विधि
षटतिला एकादशी के दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करें। सबसे पहले भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पंचामृत से स्नान कराएं, फिर फूल, धूप, धूप, दीपक, सुगंध, चंदन, रोली, पान, पान, पान, केला, फल, पीले वस्त्र आदि दे दें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम और षटतिला एकादशी व्रत कथा का पाठ करने के बाद भगवान विष्णु की आरती करें।