धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर आते हैं। इस महीने में, भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती हैं और सावन सोमवार का व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
सावन महीने में पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है, जिससे निसंतान दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण की कृपा भी भक्तजनों पर बनी रहती है। आइए, पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi 2025) की तिथि एवं शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं-
हर साल सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत करने से सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 4 अगस्त को सुबह 11:41 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 5 अगस्त को दोपहर 01:12 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस तरह से 5 अगस्त को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi Shubh Muhurat) मनाई जाएगी।