Somvati Amavasya 2023: होली से 15 दिन पहले है सोमवती अमावस्या, इस दिन बन रहा दुर्लभ संयोग, जानिए इसका धार्मिक महत्व
Somvati Amavasya 2023: हिंदू संवत्सर के अंतिम महीने यानी फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि और अंग्रेजी महीने की 20 फरवरी को पड़ रही है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 02 Feb 2023 09:14:36 AM (IST)
Updated Date: Thu, 02 Feb 2023 09:14:36 AM (IST)

रायपुर। Somvati Amavasya 2023: साल 2023 में होली से 15 दिन पहले सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। यदि सोमवार के दिन अमावस्या तिथि पड़े तो इसे दुर्लभ संयोग माना जाता है। यह संयोग हिंदू संवत्सर के अंतिम महीने यानी फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि और अंग्रेजी महीने की 20 फरवरी को पड़ रही है। ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में पांडवों ने अनेक वर्षों तक सोमवती अमावस्या का इंतजार किया था। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
पितृ पूजा से तृप्त होते हैं पितर
महादेवघाट स्थित हटकेश्वर महादेव मंदिर के महंत पं.सुरेश गिरी गोस्वामी के अनुसार अमावस्या और सोमवार का संयोग बहुत कम आता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को सोमवती अमावस्या का महत्व बताया था। इस दिन नदी स्नान, पितरों की पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस साल हिंदू संवत्सर 2079 के अंतिम महीने फाल्गुन माह में सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को है। इस दिन सुबह हटकेश्वर महादेव का दुग्धाभिषेक और शाम को श्रृंगार किया जाएगा। महादेवघाट में सुबह से श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचेंगे।
उदयातिथि पर सोमवती अमावस्या
सूर्याेदय के समय जो तिथि पड़ती है, उस तिथि को महत्व देने की मान्यता है। इसे उदयातिथि कहते हैं। 19 फरवरी की शाम 4.18 बजे अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है जो 20 फरवरी को दोपहर 12.35 बजे तक रहेगी। इसलिए, 20 फरवरी को सोमवार के दिन अमावस्या तिथि का व्रत पूजन किया जाएगा।
इस माह तीन तिथियों पर पुण्य स्नान
महंत गोस्वामी के अनुसार फरवरी महीने में तीन पर्व ऐसे पड़ रहे हैं, जिनमें श्रद्धालु पुण्य स्नान करेंगे। पहला स्नान माघ पूर्णिमा, दूसरा स्नान महाशिवरात्रि और तीसरा स्नान सोमवती अमावस्या पर किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि 12 साल में पड़ने वाले महाकुंभ के दौरान यदि सोमवती अमावस्या का संयोग बने तो गंगा नदी में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं। इस दिन नागा साधु शाही स्नान करते हैं।
तारीख तिथि
5 फरवरी माघ पूर्णिमा
18 फरवरी फाल्गुन त्रयोदशी, महाशिवरात्रि
20 फरवरी फाल्गुन अमावस्या, सोमवती अमावस्या
इस दिन यह करें
- महिलाएं पीपल वृक्ष अथवा तुलसी पौधे की 11, 21, 51 अथवा 108 परिक्रमा करके दान करें
- गौरी, गणेश, शंकर की पूजा करके सोमवती व्रत का वाचन करें।
- नदी में स्नान करके भजन-कीर्तन करें