Surya Grahan 2020 Timing : सूर्य ग्रहण अब समाप्त हो चुका है। इसे दुनिया के कई देशों में देखा गया। भारत में इसे 60 से अधिक शहरों में देखा गया लेकिन कहीं यह पूर्ण था तो कहीं आंशिक था। यहां हम आपको Delhi, Jaipur, Lucknow, Bhopal, Raipur, Mumbai, Ahmedabad, Varanasi, Ujjain सहित 66 शहरों के नामों की सूची बता रहे हैं जहां इस ग्रहण को देखा गया। यह देश के उत्तरी भाग जैसे राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में सुबह के समय साफ दिखाई दिया। देश के बाकी हिस्सों से इसे आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में देखा गया। जिन स्थानों पर इसकी नैरो लाइन दिखाई दी, उनमें देहरादून, कुरुक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा, सूरतगढ़ आदि शामिल हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में लगभग 94 प्रतिशत, गुवाहाटी में 80 प्रतिशत, पटना में 78 प्रतिशत, सिलचर में 75 प्रतिशत, कोलकाता में 66 प्रतिशत, मुंबई में 62 प्रतिशत, 37 बैंगलोर में प्रतिशत, चेन्नई में 34 प्रतिशत, पोर्ट ब्लेयर में 28 प्रतिशत सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा। यह ग्रहण 9 बजकर 16 मिनट IST से शुरू होगा। सूर्य का वलयाकार होना 10 बजकर 19 मिनट से शुरू होगा। यह स्वरूप दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण 3 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगा। नीचे दी गई टेबल में देखकर जानिये कि किस शहर में यह कितनी बजे नज़र आएगा।
इन देशों से होकर गुज़रेगी सूर्य की छाया
इस ग्रहण को दुनिया के कई देशों में देखा जा सकेगा। भारत, चीन के उत्तरी भागों कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान से होकर इसकी छाया गुज़रेगी। चंद्रमा की पे्रमब्रल छाया एक आंशिक ग्रहण पैदा करती है, जो अफ्रीकाए, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी हिस्से में दिखाई देती है।
क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण
जब अंतरिक्ष में चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और तीनों एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य ग्रहण होता है। लेकिन जब चंद्रमा का कोणीय व्यास सूर्य से कम हो जाता है ताकि वह बाद के हिस्से को पूरी तरह से कवर न कर सके तो एक कुंडलाकार अथवा वलयाकार सूर्य ग्रहण घटित होता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है।
खुली आंखों से भूलकर भी ना देखें ग्रहण
ग्रहण के दौरान सूर्य को बहुत कम समय के लिए भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। यह आंखों के स्थायी नुकसान का कारण बन सकता है। जिस समय चंद्रमा सूर्य के अधिकांश भाग को कवर करता है, वह समय बहुत संवदेनशील होता है। सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो एल्युमिनेटेड मायलर, ब्लैक पॉलिमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या टेलिस्कोप द्वारा सफेद बोर्ड पर सूर्य कइ इमेज को प्रोजेक्ट करके करके उचित फिल्टर का उपयोग करके देखा जा सकता है।
यहां देखें 66 शहरों की सूची, कहां कितनी बजे दिखाई देगा ग्रहण
An annular solar eclipse will occur on 21 June, 2020 (31 Jyaishtha, 1942 Saka Era).
From India annular phase will be visible in the morning from some places within a narrow corridor of northern part of the country
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— PIB India (@PIB_India) June 16, 2020