Surya Grahan 2021: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल, जानिए टाइमिंग, क्या करें और क्या न करें समेत पूरी जानकारी
Surya Grahan 2021 Updates धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सूतक 4 प्रकार के होते हैं, जिनमें से एक ग्रहण का सूतक भी है
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 03 Dec 2021 10:03:43 AM (IST)
Updated Date: Fri, 03 Dec 2021 10:09:48 AM (IST)

Surya Grahan 2021 Updates । साल 2021 का अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगने वाला है, हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मान्य नहीं होगा। साथ ही 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण शनिवार को लग रहा है, इसलिए इसे शनिचरी अमावस्या सूर्य ग्रहण कहा जाएगा।
इसलिए खास है ये सूर्य ग्रहण
इस सूर्य ग्रहण में केतु के साथ सूर्य की युति बनने जा रही है। वहीं चंद्रमा और बुध की युति भी होगी। सूर्य और केतु के प्रभाव से दुर्घटना की संभावना बन सकती है। देश में राजनीतिक अस्थिरता भी आ सकती है। वृश्चिक राशि विष की राशि है इसलिए रोग और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। साथ ही आकस्मिक दुर्घटना और त्रासदियों जैसी परिस्थिति निर्मित हो सकती है।
ये है सूर्य ग्रहण का समय
भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण सुबह 10.59 मिनट पर शुरू होगा। यह ग्रहण दोपहर 03.07 बजे तक रहेगा। सूर्य ग्रहण का पराग्रह एक मिनट 54 सेकंड का होगा यानी करीब दो मिनट तक सूर्य का अधिकांश भाग चंद्रमा की छाया से ढंका रहेगा। साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण अफ्रीका महाद्वीप, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में साफ तौर पर देखा जा सकेगा।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं में शनिचरी अमावस्या का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि शनि के प्रभाव से पीड़ित लोगों के लिए यह शनिचरी अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन दान का विशेष महत्व है। ऐसा करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और साथ ही सभी इच्छाएं भी पूरी होती है।
सूर्य ग्रहण में इन बातों की रखें सावधानी
सूर्य ग्रहण के दौरान बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए। बच्चे भी ग्रहण देखना चाहते हैं तो इसे माता-पिता की देखरेख में ही देखें।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
आमतौर पर सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 8 घंटे पहले शुरू हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सूतक 4 प्रकार के होते हैं, जिनमें से एक ग्रहण का सूतक भी है। ग्रहण का सूतक गंभीर परिणाम देता है। सूर्य और चंद्रमा के ग्रहण के कारण राशि परिवर्तन को छोड़कर सभी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है, इसलिए सभी को इस समय सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए दान करना चाहिए।