Surya Grahan 2020 : 21 जून को जो सूर्य ग्रहण लग रहा है वह चूड़ामणि योग में लगने जा रहा है। ज्योतिष पक्ष के अनुसार यह योग बहुत घटना प्रधान होता है। इस योग में सूर्य ग्रहण घटित होने का अर्थ है कि देश व दुनिया में काफी उथल-पुथल मचने की संभावना है। ज्योतिषीय गणना का संकेत है कि इस ग्रहण के बाद बदलाव देखने को मिलेंगे। ये शुभ भी हो सकते हैं और अशुभ भी। यह ग्रहण खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं मोक्ष (समाप्ति) आर्द्रा नक्षत्र में होगी। जानिये इस दृष्टि से आकलन क्या कहता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान दिखेगा 'रिंग ऑफ फायर'
21 जून को होने जा रहे सूर्य ग्रहण के दौरान अद्भुत 'रिंग ऑफ फायर' देखने को मिलेगा। कोलकाता स्थित एमपी बिरला तारामंडल के एमपी बिरला इंस्टीच्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के निदेशक (अनुसंधान एवं शिक्षण) डॉ. देबी प्रसाद दुआरी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा-'पूरा विश्व इस समय कोरोना के कारण अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। महामारी के कारण जीवन की गति रुक सी गई है लेकिन ब्रह्मांडीय घड़ी किसी के लिए नहीं रुकती और प्राकृतिक तरीके से खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। इसी क्रम में 21 जून को कुंडलाकार (एनुलर) सूर्यग्रहण होने जा रहा है, जो एक शानदार खगोलीय घटना होगी।
भारत सहित इतने देशों में दिखाई देगा
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार (21 जून 2020) को (चूड़ामणि योग) खण्डग्रास सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा एवं यह मध्य अफ्रीका, दक्षिणी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, चीन ताइवान, अरब क्षेत्रों में, ओमान, पाकिस्तान आदि क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा।
- सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका समय (IST) - ग्रहण में
- ध्यान रखें सूर्य ग्रहण समय हर स्थान में अलग - अलग होगा।
- इस खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का स्पर्श - 10:13मिनट पर होगा।
- ग्रहण का मध्य - 11:56मिनट पर होगा।
- ग्रहण का मोक्ष - 1:30 मिनट पर होगा।
- ग्रहण का सूतक शनिवार रात 10 बजे से लगेगा। इसके चलते मंदिरों के पट सुबह नहीं खुलेंगे
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण समय में भारत में पड़ने वाले प्रभाव
सूर्य चंद्र बुध सूर्य राहु की युति एवं 6 ग्रह वक्री हैं बुध, गुरु, शुक्र शनि राहु और केतु तथा मृगशिरा नक्षत्र में 4 ग्रहों की युति हो रही है। इसका परिणाम बहुत ही भयानक हो सकता है। जैसे - कोई बड़ा बम विस्फोट, आगजनी समस्या, अनकहीं घटना, युद्ध, आकाशीय घटना,भूकम्प, तूफान, उच्च स्तरीय नेताओं की असामयिक मृत्यु, एवं सीमा पर उठा-पटक की संभावना बन सकती है।
राशियों पर यह होगा प्रभाव
मेष - समय लाभदायक रहेगा । इस समय आप ॐ नमो भगवते वासुदेवायः का जप करें।
वृष - समय अनुकूल नहीं है। इस समय आप ॐ गं गणपतये नमः का जप करें।
मिथुन - मानसिक परेशानी। इस समय आप ॐ घृणी सूर्याय नमः का जप करें।
कर्क - आर्थिक क्षति। इस समय आप ॐ नमः शिवाय का जप करें।
सिंह - समय लाभकारी है। इस समय आप गायत्री मंत्र का जप करें।
कन्या - समय अनुकूल है। इस समय आप आप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै का जप करें।
तुला - मानसिक तनाव हो सकता है। इस समय आप ॐ नमः शिवाय का जप करें।
वृश्चिक - समय कष्टकारी हैं। इस समय आप हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु - पीड़ादायक समय हैं। इस समय आप ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें।
मकर - लाभकारी समय हैं। इस समय आप हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुम्भ - समय अनुकूल नहीं है। इस समय आप बजरंग बाण का पाठ करें।
मीन - समय अनुकूल है। इस समय आप गायत्री मंत्र का जप करें।
ग्रहण के दौरान क्या करें एवं क्या ना करें
- सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश करना, मूर्त्ति को स्पर्श करना, भोजन करना, मैथुन करना, सोना, यात्रा करना इत्यादि वर्जित है लेकिन बालक, वृद्ध, रोगी अत्यावश्यक में पथ्याहार ले सकते हैं।
- भोजन सामग्री जैसे दूध, दहीं घी इत्यादि कुश या तुलसी दल रख दें।
- गर्भवती महिलाएं पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगायें।
- ग्रहण के पश्चात स्नान दान करके भोजन करें।
यह करें उपाय
जिसकी भी पत्रिका मै राहु लग्न मे हो उनको व जिनकी पत्रिका मै सूर्य राहु साथ हो व जिनकी पत्रिका के वर्षफल मे सूर्य राहु साथ हो उनको उपाय जरूर करना चाहिये उपाय हर ग्रहण पर करने से जीवन मै परेशानी, सरकारी नौकरी की परेशानी नही होती है।
(ज्योतिषीय आकलन ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, सीहोर से चर्चा के आधार पर)