नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। आज भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू होगा। आज ही चंद्रग्रहण भी है। जिसका सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा। आचार्यों ने सूतक काल के पूर्व पितरों को पहले दिन जल देकर तर्पण करने को विधि संगत बताया है। पितृपक्ष के दौरान भोपाल के बड़ा तालाब स्थित शीतलदास की बगिया, खटलापुरा, गिन्नौरी बगिया, रानी कमलापति घाट, कालीघाट, श्रीमाता घाट फतेहगढ़ सहित अन्य सरोवरों पर तर्पण किया जाएगा।
गुफा मंदिर के पुजारी एवं ज्योतिषाचार्य पंडित लेखराज शर्मा ने बताया कि रविवार से पितृपक्ष प्रारंभ हो रहे हैं, जो 21 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या पर संपन्न होंगे। पहले दिन रविवार को पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध होगा। रविवार को ही ग्रहण का सूतक दिन में 12:57 बजे से प्रारंभ होगा, तो दिन के 12 बजे के पूर्व तर्पण किया जा सकता है। प्रातः काल के तर्पण का जल पितरों को अमृत रुप में प्राप्त होता है।
अतः भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा को पितरों को जल तर्पण करना उचित रहेगा सुबह 11 बजे तक तक का जल पितरों को अमृत रुप, दूध रुप एवं मधु रूप में प्राप्त होता है जो उत्तम है। तलैया के चौबदारपुरा स्थित श्री बांके बिहारी लाल मार्कण्डेय मंदिर के पुजारी आचार्य रामनारायण ने बताया कि प्राचीन गिन्नौरी बगिया घाट पर सुबह आठ बजे से तर्पण कराए जाएंगे। जो प्रतिदिन दोपहर 12 बजे तक होंगे।
श्रीमाता घाट, फतेहगढ़ के व्यवस्थापक पंडित जितेंद्र दुबे ने बताया कि जो लोग जो घाटों तक पहुंचने में समर्थ ना हों वह अपने निवास में बगीचा, गमलों आदि में भी पंडितो से विधि पूछकर तर्पण कर सकते हैं।