Vaishakh Maas 2025: वैशाख मास में भगवान श्री विष्णु ने लिए थे 3 अवतार… बहुत आसान चीजें दान कर पा सकते हैं बड़ा पुण्य लाभ
वैशाख मास (Vaishakh Maas 2025) की शुरुआत 13 अप्रैल से हो चुकी है। यह माह 12 मई तक रहेगा। इस दौरान परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया, गंगा सप्तमी, सीता नवमी, मोहिनी एकादशी और नरसिंह जयंती जैसे प्रमुख व्रत तथा त्योहार मनाए जाएंगे।
Publish Date: Wed, 16 Apr 2025 01:46:38 PM (IST)
Updated Date: Wed, 16 Apr 2025 01:46:38 PM (IST)
Vaishakh Maas 2025: हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख वर्ष का दूसरा माह है। (फाइल फोटो)HighLights
- वैशाख माह में दान का विशेष महत्व है
- विष्णु, लक्ष्मी और श्रीकृष्ण को समर्पित
- इस महीने में तुलसी पूजन का भी महत्व है
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर (Vaishakh Maas 2025) : हिंदू कैलेंडर में तीन मास- कार्तिक, माघ और वैशाख (Vaishakh Mahina) को अति उत्तम माना गया है। वैशाख माह वर्ष का दूसरा माह है। इसकी शुरुआत 13 अप्रैल से हो चुकी है और समापन 12 मई को होगा।
इस माह श्री विष्णु के अवतार भगवान परशुराम के साथ नृसिंह और बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसके साथ ही इस माह नारद जयंती व सीता नवमी का पर्व भी मनाया जाता है। इस पवित्र माह में भगवान विष्णु की पूजा के साथ दान-पुण्य का महत्व है।
गर्मी के मौसम में जल का दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सनातनी अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम और नरसिंह जयंती व बुद्ध पूर्णिमा को पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ मनाते हैं।
जल और पादुकाओं का दान करने का विशेष महत्व
- वैशाख का महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना गया है। इसी के साथ इस महीने में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है।
- ऐसा करने से साधक के घर-परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता है। इसके अलावा वैशाख माह में पवित्र नदी में स्नान करने और गरीबों व जरूरतमंद लोगों को दान करने का भी विशेष महत्व माना गया।
- इस माह जल और पादुका यानी जूते-चप्पल का दान श्रेष्ठ माना जाता है। यह माह वैकुंठवासी श्री हरि को यह विशेष रूप से प्रिय है।
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अक्षय तृतीया पर अवतरित हुए थे भगवान परशुराम
अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम इस पावनधरा अवतरित हुए थे। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। मांगलिक कार्य विशेष रूप से पाणिग्रहण संस्कार के लिए विवाह सुझाने की आवश्यकता नहीं होती है। इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है। विशेषकर सोना-चांदी और विशेष रूप से स्थायी संपत्ति।
इस दिन किया गया दान-पुण्य भी अक्षय होता है। नृसिंह भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए खंभे से प्रकट हुए थे और इस दिन नृसिंह जयंती मनाई जाती है। बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध अवतरित हुए थे।
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