ब्यूरो/एजेंसी, वाराणसी, No VIP Darshan in Kashi Vishwanath। वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर सावन महीने में वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रबंधन ने भारी भीड़ को देखते हुए यह फैसला किया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन प्लान के मुताबिक, भीड़ के देखते हुए भक्तों को दर्शन के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ सकता है। गंगा द्वार से आने वालों को ढाई किलो मीटर, तो दशाश्मेघ घाट की ओर से आने वालों को तीन किलोमीटर का पैदल सफर तय करना होगा।
शुक्रवार से सावन माह की शुरुआत हो गई, जो प्रतिपदा से लेकर श्रावणी पूर्णिमा तक चलेगा। देवशयनी एकादशी से सृष्टि के संचालनकर्ता विष्णु के योगनिद्रा में जाने के बाद महादेव चातुर्मास में सृष्टि के संचालन का भार संभालते हैं।
सावन का महीना विशेष रूप से देवाधिदेव महादेव की अराधना को समर्पित होता है। गुरु पूर्णिमा से ही महादेव के अभिषेक शुरू हो गए हैं। श्रावण में सावन के सोमवार, मंगला गौरी, सावन शिवरात्रि, नाग पंचमी, रक्षाबंधन, पुत्रदा एकादशी जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं।
सावन में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। सावन के महीने में शिव पूजन का महत्व और बढ़ जाता है। क्योंकि सावन में भोलेनाथ की पूजा से मनचाहा वर मिलता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप महादेव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
#WATCH | Uttar Pradesh | Devotees queue up to offer prayers at Kashi Vishwanath Temple in Varanasi, on the first day of 'Sawan'. pic.twitter.com/Dwd0nJWiie
— ANI (@ANI) July 11, 2025
मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है।