धर्म डेस्क, इंदौर: हिंदू धर्म के कई व्रत त्योहारों में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म को मानने वाले बहुत सारे लोग एकादशी का व्रत जरूर रखते हैं। वहीं श्रावन मास का भी हिंदू रीति-रिवाज में विशेष महत्व है। ऐसे मे श्रावन मास में आने वाले Kamika Ekadashi को विशेष फलदायी माना जाता है।
श्रावन मास की पहली एकादशी को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस दिन के व्रत कथा का पाठ करना बेहद फलदायी होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में इस कामिका एकादशी के व्रत और पूजन की विशेष विधि होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कामिका एकदशी( Kamika Ekadashi 2025) की तिथि 20 जुलाई 2025 से है। 20 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से लग रही है। लेकिन हिंदू रीति और शास्त्रों के अनुसार, व्रत हमेसा उदय तिथि के साथ ही किया जाना चाहिए।
ऐसे में कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई दिन सोमवार को रखा जाएगा। वहीं द्वादशी की तिथि 22 जुलाई मंगलवार को सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। व्रत रखने वाले व्रतियों को इस समय तक पारण कर लेना चाहिए।
कामिका एकादशी तिथि का वर्त रखने वाले शद्धालुओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, वर्त रखने वाले जातकों को उससे एक दिन पहले चावल नहीं खाना चाहए। कामिका एकादशी तिथि की तिथि को सुबह उठकर स्नान ध्यान करना चाहिए। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।
स्नान ध्यान के बाद घर में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए पुजा स्थान पर एक पीला कपड़ा बिछाकर भगवान प्रतिमा या फोटो स्थापित कर विधि-विधान से उसकी पूजा करें। इसके साथ ही कामिका एकादशी व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए।
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विधि-विधान से भगवान विष्णु की पुजा करें। ऐसा करने वाले जातकों के ऊपर भगवान की असीम कृपा बनी रहती है। कामिका एकादशी के व्रत से जातक के जीवन में सुख-समृद्दि बनी रहती है।