धर्म डेस्क, इंदौर: हिंदू केलेंडर के आश्विन माह शुक्ल पक्ष में आने शारदीय नवरात्र के बाद विजयदशमी को रावण दहन की परंपरा है। हिंदू धर्म की परंपराओं के अनुसार, इस दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था, जिससे पाप पर पुण्य की विजय हुई थी। इसी दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है। दशहरे को लेकर हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं, उनमें से एक मान्यता यह भी है कि इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना चाहिए।
दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ होता है, ऐसी हिंदू धर्म में मान्यता है। क्योंकि इस दिन नीलकंठ को भगवान शिव के रूप में देखा जाता है। ऐसे में विजयादशमी को भगवान शिव का दर्शन करना शुभ फलदायक माना जाता है। नीलकंठ के दर्शन को सौभाग्य, सुख, समृद्दि की प्राप्ति होती है।
क्या है पौराणिक मान्यता
मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम ने रावण का वध किया था, तब उनपर ब्रह्म हत्या का पाप लग गया था, क्योंकि रावण पिता की ओर से ब्राह्मण था और माता की ओर से से राक्षस। ऐसे में भगवान राम ने ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए कठोर तपस्या की। जिसके बाद उन्हें भगवान शिव ने उन्हें नीलकंठ पक्षी के रूप में दर्शन दिए। इसीलिए दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन होना शुभ माना जाता है।
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