सुख-शांति और समृद्धि के लिए महिलाएं रखती हैं ऋषि पंचमी व्रत
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, ऋषि पंचमी का व्रत मुख्यतः महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि यदि मासिक धर्म के दौरान अनजाने में कोई धार्मिक नियम भंग हो जाए, तो इस दिन व्रत करने और सप्तऋषियों की पूजा करने से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।
Publish Date: Thu, 28 Aug 2025 04:23:06 PM (IST)
Updated Date: Thu, 28 Aug 2025 04:27:12 PM (IST)
ऋषि पंचमी।HighLights
- पंचमी तिथि 27 अगस्त दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो चुकी है।
- तिथि का समापन 28 अगस्त को शाम पांच बजकर 56 मिनट पर होगा।
- उदया तिथि के अनुसार, ऋषि पंचमी 28 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। भाद्रपद शुक्ल पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला पर्व ऋषि पंचमी आज मनाया जाएगा। यह तिथि गणेश चतुर्थी के अगले ही दिन यानी आज गुरुवार को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि ऋषि पंचमी का पर्व हर उस इंसान को याद दिलाता है, जिसने अपने जीवन में गुरु, आचार्य और ऋषियों का ऋण चुकाना है। यह दिन भक्ति, तपस्या और कृतज्ञता का पर्व है, जो भी इस दिन व्रत और पूजा करता है, उसका जीवन सुख-शांति और समृद्धि से भर जाता है। ऋषि पंचमी केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह पर्व गुरुओं और ज्ञान की अहमियत की याद दिलाता है। हिंदू धर्म में यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को करने से लोगों को संतान प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त
- हिंदू पंचांग के अनुसार, ऋषि पंचमी की पंचमी तिथि 27 अगस्त को दोपहर तीन बजकर 44 मिनट पर शुरू हो हो चुकी है।
- तिथि का समापन 28 अगस्त को शाम पांच बजकर 56 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, ऋषि पंचमी 28 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
- ऋषि पंचमी की पूजा का शुभ समय सुबह 11:05 से दोपहर 01:39 बजे तक रहेगा। विद्वानों के मुताबिक इसी समय सप्तऋषियों का पूजन और व्रत सबसे अधिक फलदायी माना गया है।
ऋषि पंचमी पर्व महिलाओं के लिए विशेष
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, ऋषि पंचमी का व्रत मुख्यतः महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि यदि मासिक धर्म के दौरान अनजाने में कोई धार्मिक नियम भंग हो जाए, तो इस दिन व्रत करने और सप्तऋषियों की पूजा करने से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।