Cricket कमेंटेटर सुशील दोशी ने "क्रिकेट का आंखों देखा हाल " विषय पर की बात, बोले कमेंट्री के दौरान भाषा का करें सम्मान
हिन्दी क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोशी ने कहा कि हमें भाषा का सम्मान करना है। आज क्रिकेट में जितनी क्रांति आई है, स्तरहीन भाषा से उतनी ही भ्रांति भी आ रही है।
Publish Date: Thu, 26 Jun 2025 11:52:57 AM (IST)
Updated Date: Thu, 26 Jun 2025 11:54:30 AM (IST)
"क्रिकेट का आंखों देखा हाल " विषय पर कार्यक्रम।नईदुनिया, ग्वालियर। पद्मश्री से अलंकृत हिन्दी क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोशी ने कहा कि हमें भाषा का सम्मान करना है और किसी भी स्थिति में भाषा को बिगड़ने नहीं देना है। आज क्रिकेट में जितनी क्रांति आई है, स्तरहीन भाषा से उतनी ही भ्रांति भी आ रही है।
सुशील दोशी महाराज बाड़ा स्थित केन्द्रीय पुस्तकालय में "क्रिकेट का आंखों देखा हाल " विषय पर केंद्रित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। लेखक संदीप जोशी कार्यक्रम में विद्वान वक्ता के रूप में उपस्थित थे। अध्यक्षता आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर के सम- कुलाधिपति डॉ. दौलत सिंह चौहान ने की। आयोजन में मंच पर क्षेत्रीय ग्रंथपाल राकेश कुमार शर्मा व ग्रंथपाल विवेक सोनी भी उपस्थित थे। आयोजन चर्चामंडल व संभागीय केंद्रीय पुस्तकालय ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इस अवसर पर इतिहासविद प्रोफेसर संजय स्वर्णकार, क्रिकेट कमेंटेटर नवीन श्रीवास्तव, साहित्यकार माताप्रसाद शुक्ल, मुरैना के साहित्यकार देवेंद्र तोमर व रामवरन शर्मा, क्रिकेट अंपायर सुनील राजौरिया, केंद्रीय पुस्तकालय की सहायक ग्रंथपाल पूजा साहू सहित खेलप्रेमी विद्वान व युवा विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए चर्चामंडल के संयोजक जयंत सिंह तोमर ने कहा कि 15 वर्ष से सक्रिय चर्चामंडल विद्वानों व श्रोताओं को एक साथ जोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट की अपनी एक शास्त्रीयता है, इस पर संस्मरण आधारित श्रेष्ठ साहित्य रचा गया है। खेलप्रेमियों को इस साहित्य से भी परिचित होना जरूरी है।