
नई दिल्ली। क्रिकेटर, राजनेता, समाजसेवक.. जी हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर की। लोकसभा सांसद गौतम गंभीर आज यानि 14 अक्टूबर सोमवार को अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। गौतम बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वे सभी भूमिकाओं में परफेक्ट हैं और इसी वजह से वे युवाओं को रोल मॉडल भी हैं।
एक जुझारू क्रिकेटर के रूप में पहचाने जाने वाले गौतम के नाम कई रिकॉर्ड और विशिष्ट उपलब्धियां हैं। गंभीर ऐसे बल्लेबाज हैं जिनकी टीम में मौजूदगी में भारत ने 2 वर्ल्ड कप जीते। भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड और 2011 आईसीसी विश्व कप जीते। सबसे खास बात ये है कि इन दोनों वर्ल्ड कप के फाइनल में गौतम ने शानदार प्रदर्शन कर जीत की नींव रखीं। हालांकि इस बेहतरीन क्रिकेटर को वो बिदाई नहीं मिल सकी जिसके वो सही मायने में हकदार थे।
मदद में सबसे आगे
भगत सिंह को अपना आदर्श मानने वाले गौतम के व्यवहार, विचार में भी देशभक्ति का जज्बा हमेशा नजर आता है। मैदान में देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का मामला हो या फिर सोशल मीडिया पर जवाब देने की बात हो, गौतम गंभीर हमेशा फ्रंट फुट पर ही नजर आते है। बात चाहे शहीदों के परिवार को मदद देने की हो या फिर बाढ़ पीड़ितों की मदद की गौतम हमेशा आगे रहते हैं। यहां तक की वे शहीदों के बच्चों की पढ़ाई के खर्च का जिम्मा भी उठाते हैं। इसके अलावा वे अपने फाउंडेशन की मदद से जरूरतमंद बच्चों की मदद भी करते हैं।
पाकिस्तान को हमेशा देते हैं करारा जवाब
गंभीर सबसे ज्यादा चर्चा में पाकिस्तान और वहां के क्रिकेटरों को जवाब देने के मामले में रहते हैं। मैदान में पाकिस्तान से मैच के दौरान वे कई बार पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जवाब देते नजर आए थे। अब ये सिलसिला सोशल मीडिया पर भी जारी है। पाकिस्तान सेलिब्रिटी द्वारा भारत को लेकर कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करता है तो गंभीर उसे करारा देने से नहीं चूकते। गंभीर के इसी देशसेवा, देशप्रेम के कारण ही लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं।
शानदार क्रिकेट करियर
गंभीर के क्रिकेट करियर की बात करें तो उनकी पहचान बाएं हाथ के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज की रही है। गंभीर ने 2003 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया। एक साल बाद गंभीर ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। गंभीर 58 टेस्ट खेल चुके हैं। इनमें उन्होंने 9 शतक और 22 अर्द्धशतकों की मदद से 4154 रन बनाए। वहीं उनके नाम 147 वनडे मैच हैं। इनमें उन्होंने 5238 रन बनाए। गंभीर ने इस दौरान 11 शतक और 34 अर्द्धशतक जमाए। टी20 क्रिकेट में भी गंभीर ने 37 मैच खेले हैं। इनमें उन्होंने 7 अर्द्धशतकों की मदद से 932 रन बनाए। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में गंभीर ने शानदार पारियां खेलीं थी। उन्हीं की पारियों की मदद से भारत ये खिताबी मुकाबले जीत पाया था। 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 54 गेंद पर 75 रनों की तेज पारी खेली थी। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 5 रनों से हराकर वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद 2011 के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में वीरेंद्र सहवाग व सचिन तेंडुलकर के जल्दी आउट होने के बाद गंभीर ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 97 रनों की पारी खेली थी। हालांकि इस मैच में टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को वर्ल्ड कप दिलाया। लेकिन जीत की नींव गंभीर ने ही रखी। अपनी ऐसी ही आक्रामक बल्लेबाजी के लिए ही गंभीर के करोड़ों फैंस हैं।
ये अनूठा रिकॉर्ड बनाया
टेस्ट क्रिकेट में वैसे तो कई रिकॉर्ड बने हैं लेकिन लगातार शतकीय पारियां खेलने के मामले में गंभीर के नाम अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है। दुनिया के केवल 4 ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने लगातार 5 या उससे अधिक टेस्ट मैचों में लगातार शतक जमाए हैं। इसमें गौतम गंभीर भी शामिल है। सर डॉन ब्रैडमैन ने लगातार 6 टेस्ट मैचों में शतक जमाए हैं। जबकि जैक्स कैलिस, मोहम्मद यूसुफ और गौतम गंभीर ने लगातार 5 टेस्ट मैचों में शतक लगाए हैं।
मैदान में कई बार विपक्षी खिलाड़ियों से भिड़े
गंभीर की पहचान हमेशा से जुझारू और कभी न हार मानने वाले खिलाड़ी के तौर पर रही है। वे कई बार मैदान में विपक्षी टीमों के खिलाड़ियों से भिड़ चुके हैं। कमेंट करने पर पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी, कामरान अकमल, ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन व साइमन कैटिच और दक्षिण अफ्रीका के आंद्रे नेल के साथ मैदान में उनकी भिड़ंत आज भी लोगों को याद है। इतना ही नहीं गंभीर भारतीय खिलाड़ियों से भी उलझ चुके हैं। आईपीएल में विराट कोहली के साथ उनका विवाद काफी चर्चाओं में रहा। उसी तरह रणजी ट्रॉफी में वे बंगाल के मनोज तिवारी से भिड़ गए थे। हालांकि गंभीर इन सब विवादों को पीछे छोड़ चुके हैं। अब वे कमेंटेटर की भूमिका में क्रिकेट से जुड़े हुए हैं।