स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली: शुभमन गिल की अगुवाई में टीम इंडिया की हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआत तो धांसू रही थी, लेकिन टीम ने मैच के आखिरी दिन मौका गंवा दिया, जहां टीम को पांच विकेट से करारी हार का मुंह देखना पड़ा। चार भारतीय बल्लेबाजों के पांच शतक के बाद भी टीम इंडिया ने जिस तरह यह मैच गंवा दिया, उससे टीम के बॉलिंग अटैक पर कई सवाल खड़े होते हैं। आइए एक नजर डालते हैं भारत की इस करारी हार के बड़े कारणों पर।
भारत के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने हेडिंग्ले में शानदार खेल दिखाया, जहां शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत और केएल राहुल ने शतक जड़े। हालांकि टीम का लोअर ऑर्डर कुछ खास नहीं कर पाया। जहां टीम ने पहली पारी में आखिरी सात विकेट 41 रन पर गंवाए, वहीं दूसरी पारी में टीम 333/4 के स्कोर के बाद भी 364 रनों पर ढेर हो गई।
भारतीय खिलाड़ियों की फील्डिंग दोनों पारियों में खराब रही, जहां सबसे ज्यादा कैच यशस्वी जायसवाल ने टपकाए। उन्होंने कुल चार कैच छोड़े, जिसमें दूसरी पारी में बेन डकेट का कैच भी शामिल है, जिन्होंने 149 रनों की जोरदार पारी खेलकर टीम की जीत पर मुहर लगाई।
भारत के दिग्गज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टीम के लिए पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए सबसे ज्यादा पांच विकेट अपने नाम किए थे। हालांकि दूसरी पारी में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। पूरे मैच के दौरान देखने को मिला कि टीम उन पर पूरी तरह निर्भर नजर आई, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा। कुछ समय के लिए ऐसा लग रहा था कि वह अकेले ही सब कुछ कर लेंगे, लेकिन क्रिकेट में हमेशा ऐसा संभव नहीं होता। दूसरी पारी में जब भारत को विकेट की सख्त जरूरत थी, तब वह इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को भेद नहीं पाए।
भारत ने पहली पारी में 471 रनों का मजबूत स्कोर बनाया था। लेकिन इससे इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जरा सा भी फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने निडर होकर भारतीय गेंदबाजों का सामना किया। भारत के पहले पारी में बनाए 471 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने 465 रन बनाए, जहां ओली पोप ने धांसू शतक जड़ा। उनके अलावा हैरी ब्रूक ने 99 रनों की पारी खेली। इंग्लैंड के बल्लेबाजों की यह मानसिकता दूसरी पारी में भी देखने को मिली, जहां टीम ने 371 रनों का बड़ा स्कोर भी आसानी से हासिल कर लिया।