स्पोर्ट्स डेस्क, इंदौर। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एक बार फिर इंग्लैंड की पिचों पर अपनी धार दिखाने के लिए तैयार हैं। उन्हें लीड्स में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया है।
यह बुमराह का इंग्लैंड में तीसरा दौरा है, लेकिन इस बार वह केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे। भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उनकी भूमिका सीमित जरूर है, लेकिन टीम की सफलता की उम्मीदें अब भी उन्हीं के अनुभव और प्रदर्शन पर टिकी हैं।
जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने पांच टेस्ट में 32 विकेट लेकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। इंग्लैंड दौरे पर उनकी फिटनेस को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने उन्हें केवल तीन मैचों में खेलने की अनुमति दी है। बुमराह ने खुद भी माना कि वह अपने शरीर की सीमाएं समझते हैं। टीम के हित में यही निर्णय बेहतर है।
बुमराह का इंग्लैंड में प्रदर्शन पहले भी प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अब तक यहां 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 37 विकेट हासिल किए हैं। उनका औसत 26.27 रहा है, जबकि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/64 और मैच में सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा 9/110 रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में बुमराह प्रभावशाली साबित हुए हैं।
बुमराह का टेस्ट करियर भी उन्हें भारत का सबसे भरोसेमंद गेंदबाज साबित करता है। उन्होंने 45 टेस्ट मैचों में 205 विकेट चटकाए हैं, जिसमें उनका औसत 19.40 है। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन एक पारी में 6/27 और मैच में 9/86 रहा है। ये आंकड़े उनकी प्रभावशाली गेंदबाजी का प्रमाण हैं।
बुमराह ने अपने बयान में कहा कि वह कप्तान के रूप में भले कुछ सीमाओं में बंधे हों, लेकिन खिलाड़ी के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने साफ किया कि तीन टेस्ट खेलना उनकी योजना है, लेकिन टीम की जरूरतों के अनुसार वह लचीला रुख भी अपना सकते हैं।
एक युवा और अपेक्षाकृत अनुभवहीन गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई बुमराह को करनी है। ऐसे में उनका अनुभव और रणनीतिक सोच टीम के लिए निर्णायक हो सकती है। भारत को अगर इंग्लैंड में सफलता पानी है, तो बुमराह का योगदान बेहद अहम होगा। उनके पास स्विंग, यॉर्कर और बाउंसर का घातक मिश्रण है, जो इंग्लैंड की परिस्थितियों में और भी असरदार हो सकता है।