स्पोर्ट्स डेस्क। भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन वेस्टइंडीज की हालत खराब थी, लेकिन इसके बावजूद महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने मैच के बाद टीम के ड्रेसिंग रूम का दौरा किया। चेहरे पर निराशा झलकने के बावजूद उन्होंने खिलाड़ियों और कोच से मुलाकात कर टीम की गिरती हालत पर चर्चा की।
56 वर्षीय लारा इस समय मिशन इंडिया कैंपेन की वजह से भारत में हैं। यह पहल वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए शुरू की गई है, जिसमें लारा और सर विव रिचर्ड्स जैसे दिग्गज शामिल हैं। इसका उद्देश्य टेस्ट क्रिकेट के ढांचे को पुनर्जीवित करने के लिए धन जुटाना है।
सूत्रों के अनुसार लारा करीब 20 मिनट तक टीम ड्रेसिंग रूम में रहे। उन्होंने खिलाड़ियों को कोई भाषण दिया। कोच डैरेन सैमी, कप्तान रॉस्टन चेज और कुछ खिलाड़ियों से अलग-अलग बातचीत की। चर्चा का मुख्य विषय वेस्टइंडीज की आगे की राह रहा।
लारा ने हाल ही में एक निजी कार्यक्रम में कहा था कि अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो पूंजी जरूरी है। असली सवाल यह है कि क्या खिलाड़ियों में वेस्टइंडीज के लिए खेलने का जुनून है? उन्होंने मौजूदा पीढ़ी के खिलाड़ियों से पूछा कि क्या वे वास्तव में टीम के लिए खेलना चाहते हैं या केवल अवसर के लिए मैदान में उतरते हैं।
लारा ने विव रिचर्ड्स के दौर का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारे समय में सुविधाएं उतनी नहीं थीं, लेकिन खेलने का जुनून बहुत बड़ा था। उस दौर में वेस्टइंडीज के लिए खेलना गर्व की बात थी। आज के खिलाड़ियों को भी इसे समझना होगा। उस भावना को वापस लाना होगा।
‘मिशन इंडिया’ के तहत लारा और रिचर्ड्स दोनों बोर्ड के लिए आर्थिक सहायता जुटा रहे हैं, जिससे वेस्टइंडीज क्रिकेट का ढांचा फिर से मजबूत किया जा सके। लारा का मानना है कि क्रिकेट तभी जिंदा रहेगा जब खिलाड़ी इसमें अपना दिल और आत्मा लगाएंगे।