
भारतीय क्रिकेट टीम की चयन समिति अक्सर सवालों के घेरे में रहती हैं। हाल ही में टेस्ट चैम्पियनशिप में आर.अश्विन को बाहर रख जाने को लेकर सिलेक्टर्स निशाने पर थे। अब पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने भी चयनकर्ताओं पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में हम जानने की कोशिश करते हैं कि वर्तमान में चयन समिति में बैठे सदस्यों के पास कितना अनुभव है।
भारतीय क्रिकेट चयन समिति के शिव सुंदर दास टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज रह चुके हैं। उन्होंने अपने करिअर में 23 टेस्ट और 4 वनडे मैच खेले हैं।
सुब्रोतो बनर्जी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 6 वनडे और 1 टेस्ट मैच खेले हैं।
पूर्व तेज गेंदबाज सलिल अंकोला 1 टेस्ट और 20 वनडे मैच खेले हैं। सचिन तेंदुलकर के साथ टेस्ट डेब्यू करने वाले अंकोला बाद में फिल्मों में काम करने लगे थे।
तमिलनाडु के पूर्व क्रिकेटर श्रीधरन शरत ने कोई इंटरनेशनल मैच ही नहीं खेला है। उन्होंने 139 फर्स्ट क्लास और 116 लिस्ट ए मैच खेले हैं। वह तमिलनाडु की ओर से 100 रणजी मैच खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर भी हैं।
बता दें कि विश्वकप 2011 के समय कृष्णमाचारी श्रीकांत चीफ सेलेक्टर थे। उन्होंने अपने करिअर में 189 इंटरनेशनल मैच खेले थे। वहीं, दिलीप वेंगसकर ने 116 टेस्ट खेले हैं। धोनी को सेलेक्ट करने वाले किरण मोरे के पास करीब 150 इंटरनेशनल मैच का अनुभव था। लेकिन फिर अनुभवी नाम चयन समिति में दिखे ही नहीं। इससे पहले चेतन शर्मा भारत के चीफ सेलेक्टर थे। उनके पास सिर्फ 23 टेस्ट का अनुभव था। वहीं उनसे पहले रहे सुनील जोशी के पास 15 टेस्ट जबकि एमएसके प्रसाद के पास 6 टेस्ट का अनुभव था।
