नई दिल्ली। Priyam Garg Under 19 Indian Captain: दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए घोषित भारतीय टीम का कमान उत्तरप्रदेश के प्रियम गर्ग को सौंपी गई। जैसे ही प्रियम को कप्तान बनाए जाने की घोषणा हुई, सभी जगह उनके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई।
उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले प्रियम निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। उनका जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। प्रियम ने 11 फर्स्ट क्लास मैचों में 814 रन बनाए हैं जिनमें दो दोहरे शतक शामिल हैं। प्रियम ने अंडर 14, अंडर 16 और रणजी ट्रॉफी में 2-2 दोहरे शतक लगाए हैं। इसी शानदार प्रदर्शन की बदौलत प्रियम को भारतीय अंडर 19 टीम की कमान सौंपी गई।
मां का निधन, पिता का संघर्ष
प्रियम जब 11 साल के थे तभी उनकी मां का निधन हो गया था। ऐसे में पिता नरेश ने काफी विपरित परिस्थितियों में प्रियम की परवरिश की। नरेश बेहद गरीब थे और उस समय वे साइकिल पर घर-घर जाकर दूध बेचते थे। दोपहर में स्कूल वैन चलाकर परिवार का पालन पोषण करते थे। प्रियम उस समय घर के आसपास की गलियों में क्रिकेट खेलते थे। इसी दौरान उनकी क्रिकेट में रूचि बढ़ी। एक दिन प्रियम ने अपने पिता से स्टेडियम जाकर क्रिकेट सीखने की जिद की। पहले पिता ने खराब आर्थिक हालत के चलते प्रियम को मना कर दिया। लेकिन बाद में प्रियम को निराश देखकर उन्होंने कुछ इंतजाम किया और प्रियम के मामा की मदद से स्टेडियम में प्रवेश हासिल किया।
20 किलोमीटर दूर था स्टेडियम
12 साल की उम्र में प्रियम घर की गलियों से निकलकर मेरठ के विक्टोरिया स्टेडियम पहुंचे। वे रोज घर से करीब 20 किलोमीटर का रास्ता तय कर स्टेडियम जाते थे। प्रियम ने प्रैक्टिस के दौरान ही अपनी काबिलियत साबित करते हुए कोच को प्रभावित कर दिया था। इसके बाद प्रियम अंडर 14 टीम में चुने गए जहां उन्होंने 2 दोहरे शतक लगाए। फिर अंडर 16 में भी प्रियम ने 2 दोहरे शतक लगाए।
यूपी रणजी टीम में एंट्री
अंडर14 और अंडर 16 की टीमों में जबर्दस्त प्रदर्शन कर प्रियम ने जल्द ही यूपी रणजी टीम के लिए दावा मजबूत किया और टीम में चुने गए। प्रियम ने भी इस भरोसे पर खरा उतरते हुए रणजी ट्रॉफी के अपने पहले सीजन में ही 11 मैचों में 800 से ज्यादा रन बनाए।
सचिन हैं आइडियल
प्रियम को टैलेंट के कारण भले ही भविष्य का विराट कोहली कहा जा रहा है, लेकिन वे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के जबर्दस्त फैन हैं। सचिन को ही आदर्श मानते हैं। प्रियम ने बताया कि वो सचिन की बल्लेबाजी देख क्रिकेटर बने हैं। अपने हर मैच से पहले मैं सचिन की बल्लेबाजी को याद करता हूं जो मुझे रन बनाने के लिए प्रेरित करता है। हमारे घर में तब टीवी नहीं था और इसलिए मैं सचिन की बल्लेबाजी देखने पान की दुकान पर जाता था। इस कारण मुझे कई बार पिता की डांट भी खानी पड़ी। पिता पढ़ाई पर ज्यादा जोर देते थे। हालांकि अब प्रियम की उपलब्धि पर पिता नरेश काफी खुश हैं। पिता भी चाहते हैं कि प्रियम देश के लिए वर्ल्ड कप जीतकर आए। प्रियम के चार भाई-बहन हैं.. बहन पूजा, ज्योति, रेशू और भाई शिवम।
वर्ल्ड कप जीतना लक्ष्य
अंडर 19 कप्तान बनने के बाद प्रियम ने वर्ल्ड कप जीतने को ही अपना लक्ष्य बनाया है। टीम इंडिया 4 बार चैंपियन बन चुकी है और 5वीं बार खिताब की प्रबल दावेदार होगी। प्रियम ने कहा कि वे करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए ये खिताब जीतना चाहते हैं।