नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमलों के मद्देनजर पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिए जाने के बाद यहां होने वाले आइएसएसएफ विश्व कप (राइफल/पिस्टल) को दिए गए 16 ओलंपिक कोटे वापस ले लिए गए। आइएसएसएफ अध्यक्ष ब्लादीमिर लिसिन ने यहां कर्णी सिंह निशानेबाजी रेंज पर सत्र के पहले विश्व कप से पूर्व अपने संबोधन में यह बात कही।
पुलवामा में आतंकी हमलों में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तानी निशानेबाजों की भागीदारी खटाई में पड़ गई थी। लिसिन ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने हमें बताया कि इस विश्व कप से ओलंपिक कोटे तय नहीं होंगे। ऐसे में ये कोटे दूसरे विश्व कप को दिए जाएंगे। हमें अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति परिवार का हिस्सा होने के नाते उनके फैसले का सम्मान करना होगा।'
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने कहा कि वे अभी भी मामले के समाधान की तलाश में हैं। उन्होंने कहा, 'अभी कुछ रद नहीं हुआ। हमें कुछ पता नहीं है। हम इंतजार कर रहे हैं। बैठकें हो रही है और आइओसी तथा सरकार इस पर नजर रखे हुए हैं। हर कोई मेहनत कर रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।'
लिसिन के संबोधन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस पर स्पष्टीकरण जारी होगा। उन्होंने कहा, 'लिसिन ने यह नहीं कहा कि सभी 16 कोटे रद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोटा देने में वह असमर्थ होंगे, लेकिन यह नहीं कहा कि वापस ले लिए गए। इस पर सफाई ली जा सकती है।'
पाकिस्तान की निशानेबाजी महासंघ ने बुधवार को आइएसएसएफ को पत्र लिखकर कहा था कि इस विश्व कप से 2020 टोक्यो ओलंपिक कोटा के लिए 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के कोटा रद कर दिए जाए। पाकिस्तान ने अपने दो निशानेबाजों जीएम बशीर और खलील अहमद और एक कोच के लिए वीजा का आवेदन किया था। इन निशानेबाजों को रैपिड फायर स्पर्धा में हिस्सा लेना था।