Lakshya Sen Profile: भारत के युवा बैडमिंटन प्लेयर लक्ष्य सेन ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कमाल कर दिखाया। उन्होंने पुरुष एकल के फाइनल में मलेशिया के त्जे यंग को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया। लक्ष्य का राष्ट्रमंडल खेलों में पहला पदक है। इस वर्ष थॉमस कप जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन की सफलता की कहानी बेहद रोचक है। लक्ष्य को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए उनके पिता डीके सेन का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने अपने दोनों बेटों को बैडमिंटन खिलाड़ी बनाने के लिए शहर छोड़ दिया और बेंगलुरु शिफ्ट हो गए।
लक्ष्य के दादा भी थे खिलाड़ी
लक्ष्य के दादा सीएन सेन बैडमिंटन के खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्हें राज्य और नेशनल लेवल पर प्रतियोगिताएं जीती थीं। उनकी विरासत को अब उनके पौते लक्ष्य आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश का नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया है।
पिता पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं
लक्ष्य के पिता बैडमिंटन कोच हैं। वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं। पिता की देखरेख में लक्ष्य ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। वह चार साल की उम्र से स्टेडियम जाने लगे। लक्ष्य के बड़े भाई चिराग सेन भी बैडमिंटन खिलाड़ी है। चिराग जूनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप और जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में नंबर दो रह चुके हैं।
लक्ष्य सेन का करियर
टूर्नामेंट
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वर्ष
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प्रतियोगिता
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पदक
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वर्ल्ड चैंपियनशिप
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2021
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एकल
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कांस्य
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थॉमस कप
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2022
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मिक्स्ड टीम
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गोल्ड
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राष्ट्रमंडल खेल
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2022
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एकल
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गोल्ड
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राष्ट्रमंडल खेल
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2022
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मिक्स्ड टीम
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सिल्वर
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एशिया टीम चैंपियनशिप
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2020
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पुरुष टीम
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ब्रॉन्ज
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यूथ ओलंपिक
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2018
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एकल
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रजत
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वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप
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2018
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एकल
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कांस्य
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एशियन जूनियर चैंपियनशिप
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2018
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एकल
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कांस्य
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