अहमदाबाद। पटेल आरक्षण के लिए लड़ रहे हार्दिक पटेल गुरुवार को हाई कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान अदालत ने उन्हें उनके द्वारा राज्य पुलिस पर लगाए गए अपहरण और अनैतिक रूप से हिरासत में रखने के आरोप लिख कर देने के लिए कहा। 40 मिनट में 22 वर्षीय हार्दिक ने तीन पन्नों में सभी आरोप लिखकर दिए जिन्हें कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में रखने के लिए कहा।
इसके बाद अदालत ने कहा कि हार्दिक पटेल द्वारा पुलिस पर लगाए गए अनैतिक हिरासत के आरोप प्राइमा फेसी असंतोषजनक लग रहे हैं। कोर्ट ने हार्दिक के वकील को 29 सितंबर को इन आरोपों को साबित करने के लिए कहा साथ ही उस दिन हार्दिक को भी अदालत में मौजूद रहने के आदेश दिए।
इस बीच अदालत ने पुलिस को इस बात की अनुमति दे दी है कि वो प्रतिबंध के बावजूद हार्दिक द्वारा रैली किए जाने के बाद उनके खिलाफ दर्ज मामलों की पड़ताल करे। हालांकि, पुलिस सूत्रों ने बताया है कि हार्दिक की गिरफ्तारी मंगलवार तक संभव नहीं है। इस दिन मामले पर अदालत में सुनवाई होगी। इससे पहले हार्दिक के वकील द्वारा अदालत में पुलिस द्वारा हार्दिक को पकड़े जाने को लेकर याचिका दायर की थी।
इस पर सुनवाई करते हुए पुलिस को आदेश दिए थे कि वो हार्दिक को पेश करे। लेकिन बुधवार को हार्दिक ने अहमदाबाद से 60 किमी दूर एक जगह पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि पुलिस के कपड़ों में कुछ लोगों ने उसे अगवा कर लिया था और रात भर बंधक रखा।
उसने यह भी आरोप लगाया कि उन अपहरणकर्ताओं ने उसे आंदोलन खत्म करने की धमकी भी दी। दूसरी तरह पुलिस ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि हार्दिक अपने वाहन में उस वक्त फरार हो गए जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की।
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