बिजनेस डेस्क, इंदौर। देश में क्रेडिट कार्ड पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। यह एक चिंता का विषय है। एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि 50 हजार रुपये से कम कमाने वाले करीब 93 प्रतिशत लोग क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हो चुके हैं। 85 प्रतिशत स्वरोजगार करने वाले भी इसी राह पर हैं। इस अध्ययन में बीते 12 महीनों में 20 हजार से ज्यादा लोगों के खर्चों का विश्लेषण किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक अभी खरीदें और बाद में भुगतान करें (BNPL) जैसी सुविधाओं का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। 18 प्रतिशत कारोबारी और 15 प्रतिशत वेतनभोगी BNPL सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। Think360.ai के सीईओ अमित दास ने कहा कि अब क्रेडिट कार्ड और BNPL जैसी सेवाएं वेतनभोगी से लेकर फ्रीलांसर तक के लिए जरूरी बन गई हैं।
रिपोर्ट में फिनटेक कंपनियों के बढ़ते प्रभाव को भी सामने लाया गया है। रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2022-23 में इन कंपनियों ने 92,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के पर्सनल लोन बांटे। यह कुल नए ऋणों का 76 प्रतिशत हिस्सा है।
भले ही क्रेडिट कार्ड सुविधा प्रदान करते हों, लेकिन इनके पीछे कई वित्तीय जोखिम छिपे हैं...