Broadband Download Speed: यह इंटरनेट का युग है। सब कुछ इंटरनेट पर निर्भर है। अगर इंटरनेट स्पीड लो हो जाए तो कई काम रुक जाते हैं। हालांकि अब आपको अच्छी इंटरनेट स्पीड की मिलेगी। दरअसल केंद्र सरकार ने ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की परिभाषा ही बदल दी है। अब टेलीकॉम कंपनियों को ब्रॉडबैंडके लिए कम से कम 2 एमबीपीएस की स्पीड देनी होगी। फिलहाल न्यूनतम डाउनलोड स्पीड 512 केबीपीएस तय थी।

ब्रॉडबैंड के 85 करोड़ ग्राहक

25 जनवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार भारत में ब्रॉडबैंड के करीब 85 करोड़ ग्राहक हैं। इनमें से 82.5 करोड़ मोबाइल ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं ढाई करोड़ लोगों के पास लैंडलाइन ब्रॉडबैंड है। अब कंपनियों को ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ानी होगी।

ट्राई ने की थी स्पीड बढ़ाने की सिफारिश

ट्राई ने 2013 और 2021 में स्पीड बढ़ाने की सिफारिश की थी। ट्राई की सिफारिशों पर दूरसंचार विभागने कंपनियों के लिए न्यूनतम स्पीड 2 एमबीपीएस निर्धारित की है। स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्ट डेटा के मुताबिक, दिसंबर 2022 में भारत की इंटरनेट स्पीड में हुआ है। अभी भी यह वैश्विक स्तर पर 79वें रैंक पर है। देश में मोबाइल डाउनलोड स्पीड 18.26 एमबीपीएस से बढ़कर 25.29 एमबीपीएस हो गई है।

ब्रॉडबैंड मार्केट में कंपनियों की हिस्सेदारी

ताजा डाटा के अनुसार, नवंबर 2022 में देश में ब्रॉडबैंड मार्केट में टॉप कंपनियों की 98.4% हिस्सेदारी थी। इन कंपनियों में रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल शामिल हैं। ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के प्रेसिडेंट टीवी रामचंद्रन ने कहा कि इस फैसले से ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

Posted By: Kushagra Valuskar

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