Online Domicile Certificate: ऑनलाइन मूल निवासी प्रमाण-पत्र हासिल करना बहुत आसान है, जानिए Step-By-Step प्रोसेस
मध्य प्रदेश में मूल निवासी प्रमाण पत्र का उपयोग सरकारी योजनाओं, शिक्षा और नौकरी के दौरान किया जाता है। यह महत्वपूर्ण दस्तावेज और सरकारी दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि आप किस राज्य और जिले के निवासी है।
Publish Date: Sun, 19 Jan 2025 01:36:30 PM (IST)
Updated Date: Sun, 19 Jan 2025 01:36:30 PM (IST)
HighLights
- मूल निवासी प्रमाण-पत्र के लिए ऑफलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
- दस्तावेज सही होने पर सात से 15 दिन में जारी होता है सर्टिफिकेट
- पहली बार आवेदन जमा करने पर शपथ पत्र भी देना अनिवार्य होता है
टेक डेस्क, इंदौर। मूल निवासी प्रमाण पत्र किसी व्यक्ति को राज्य या स्थान का स्थायी निवासी होने को प्रमाणित करता है। इस दस्तावेज के बाद कई सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश में मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। इसको ऑनलाइन और ऑफलाइन- दोनों प्रक्रिया अपना कर बनवाया जा सकता है। जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन करना होता है और जांच के बाद मूल निवासी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
मध्य प्रदेश में मूल निवासी प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रोसेस
- मध्य प्रदेश में लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से आसानी से बनवाया जा सकता है। मध्य प्रदेश राज्य का स्थायी निवासी ही निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए राज्य में विगत के वर्षो में निवासरत होना आवश्यक है।
यदि कोई महिला मूल रूप से मध्य प्रदेश की नहीं है, लेकिन मध्य प्रदेश के स्थायी निवासी पुरुष से विवाहित है, तो वह भी निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की पात्र होगी।
सभी जानकारी सही होने पर आवेदन करने के बाद 7 से 15 दिन में मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाकर जारी कर दिया जाता है। वहीं जानकारी गलत होने पर आवेदन को रद्द कर दिया जाता है। यह है आवेदन की प्रक्रिया
- ऑनलाइन प्रक्रिया: एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर लॉगिन करें। इसके बाद मूल निवासी प्रमाण पत्र की सेवा को चुन कर आवेदन फार्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड़ करें। इसके बाद शुल्क का भुगतान करें। आवेदन की रिसिप्ट प्राप्त करें। इससे आवेदन की स्थिति पोर्टल पर ट्रैक कर सकते है।
- ऑनलाइन प्रक्रिया: अपने तहसील कार्यालय या लोक सेवा केंद्र पर जाए। यहां आवेदन फार्म भरकर संबंधित दस्तावेज की कापी भी जमा करें। इसके बाद निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होता है। जमा किए गए दस्तावेज की रिसिप्ट भी लेकर रखे, ताकि आवेदन की स्थित को ट्रेक किया जा सके।
यह दस्तावेज जरूरी
मध्य प्रदेश में निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ कई दस्तावेज भी जमा करने होते है। पते के प्रमाण के लिए पासपोर्ट, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी का बिल, टेलीफोन बिल आदि देना होता है। निवास प्रमाण के लिए माता-पिता या अभिभावक के पास संपत्ति या आवेदक की संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाण पत्र देना होता है। पहली बार आवेदन जमा करने पर शपथ पत्र भी देना होता है।
मूल निवासी प्रमाण पत्र क्यों जरूरी
- प्रदेश के शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए मूल निवासी प्रमाण पत्र जरूरी है।
- मध्य प्रदेश के आरक्षित पदों की सरकारी नौकरियों के लिए आवश्यक होता है।
- राज्य सरकार की सब्सिडी और योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए जरूरी।
- छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए मूल निवासी की आवश्यकता होती है।
- राशन कार्ड बनवाने के लिए भी इस दस्तावेज की आवश्यकता होती है।
- प्रदेश के निवासी को प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं में मूल निवासी अनिवार्य होता है।
यह है ऑफलाइन प्रक्रिया
लोक सेवा केंद्र पर तय फॉर्मेट में आवेदन करना होता है।
दस्तावेज की स्वयं सत्यापित कॉपियां जमा करना होती है।
प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 50 से 100 रुपये शुल्क देना होता है।
7 से 15 दिन में मूल निवासी प्रमाण पत्र आवेदक को जारी होता है।