Online Gaming Rules: ऑनलाइन गेम खेलने वालों के लिए जरूरी खबर है। सरकार ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने जा रही है। इस संबंध में मसौदा जारी कर दिया गया है। इसके मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को मिलकर एक स्व नियंत्रत संगठन बनाना है, जो इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय से जुड़ा होगा। इस संगठन के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां ही देश में कारोबार कर सकेंगी।
केवाईसी होगा अनिवार्य
वहीं ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोगों का केवाईसी करवाना होगा। साथ ही कंपनियों को भी गेम से जुड़ी तमाम चीजों के साथ नियमों को प्रदर्शित करना होगा। हालांकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को पंजीकृत होने के लिए क्या करना होगा। यह मसौदे में नहीं बताया गया है।
ऑनलाइन गेम डिजिटिल इकोनॉमी का हिस्सा
इलेक्ट्रानिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया, ''ऑनलाइन गेम बहुत बड़ा कारोबार है। हम उसे प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हमारा मकसद देश में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। इस बिजनेस में इन्वेस्टमेंट को बढ़ाना है, क्योंकि यह हमारी डिजिटिल इकोनॉमी का हिस्सा बन चुकी है।'' उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम खेलने वालों में 40 से 45% महिलाएं हैं। ऑनलाइन गेम अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन से जुड़ गया है। इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए मसौदा जारी किया है।
ऑनलाइन गेमिंग के मसौदे की खास बातें
- कंपनियां अपनी दिशा और मानक तय कर सकेंगी।
- अगर कंपनियों के बीच मतभेद होता है, तो एक से अधिक स्व नियंत्रत संगठन भी हो सकते हैं।
- विदेशी कंपनियां जो ऑनलाइन गेमिग के नाम पर विज्ञापन दे रही थीं, उन्हें भारत में गेमिंग की इजाजत नहीं होगी।
- खेल के नतीजे पर किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- गेमिग कंपनियों को भारतीय मूल का शिकायत निपटान अधिकारी नियुक्त करना होगा। उन्हें अपना फिजिकल पता और संपर्क नंबर भी देना होगा।
- स्व नियंत्रित संगठन निगरानी करेंगे कि कंपनियां भारतीय कानून का पालन कर रही हैं या नहीं।
Posted By: Kushagra Valuskar
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