टेक्नोलॉजी डेस्क, इंदौर। टेक कंपनी Vivo जल्द ही मिक्स्ड रियलिटी (Mixed Reality) की दुनिया में कदम रखने जा रही है। कंपनी 21 अगस्त को चीन में अपने पहले हेडसेट Vivo Vision Headset को लॉन्च करेगी। यह डिवाइस डिजाइन और फीचर्स के मामले में एप्पल के Vision Pro से काफी हद तक प्रेरित नजर आ रहा है। Vivo का फोकस हल्के डिजाइन, बेहतर कम्फर्ट और जेस्चर कंट्रोल पर है, जिससे यह लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए बन सके।
Vivo के टीजर से साफ है कि नया हेडसेट एक वाइजर-स्टाइल डिजाइन में आएगा। इसमें मेटल बॉडी और फ्रंट ग्लास पैनल के पीछे डिस्प्ले दिए गए हैं। हेडसेट के साइड में एक क्राउन-जैसा डायल होगा, जिसकी मदद से ट्रांसपेरेंसी लेवल कंट्रोल किया जा सकेगा। कंपनी ने हेडबैंड भी जोड़ा है, जिससे यह लंबे समय तक आराम से पहना जा सके।
एप्पल के Vision Pro को वजन और लंबे समय तक पहनने में असुविधा को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी थी। Vivo का दावा है कि उसका Vision Headset हल्के डिजाइन के साथ आएगा, जो थकान को कम करेगा। इसके अलावा इसमें थ्री-डायमेंशनल इंटरैक्शन और जेस्चर कंट्रोल फीचर होंगे, जिससे बिना कंट्रोलर के इस्तेमाल आसान और ज्यादा प्राकृतिक लगेगा।
Vivo Vision Headset को लेकर कंपनी का लक्ष्य मास मार्केट नहीं है, बल्कि एक्सपीरियंस-ओरिएंटेड स्ट्रेटेजी अपनाने का है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी एक रिजर्वेशन सिस्टम ला सकती है, जिसमें यूजर्स आंशिक भुगतान कर डिवाइस को टेस्ट कर पाएंगे। यह रणनीति इसे एक्सक्लूसिव बनाने और ब्रांड की इनोवेशन क्षमता दिखाने पर केंद्रित होगी।
डिजाइन के बावजूद Vivo को बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा। बैटरी लाइफ अब भी XR डिवाइस का कमजोर पक्ष है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर का अनुभव बेहद अहम होगा। अगर, Vivo एक स्मूद और भरोसेमंद ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध करा पाता है, तो यह डिवाइस प्रतिस्पर्धा में टिक पाएगा, वरना सिर्फ एक निश प्रोडक्ट बनकर रह जाएगा।
Vivo Vision Headset सिर्फ चीन के बाजार तक सीमित है। भारत जैसे बाजारों में इसे लॉन्च किए जाने की संभावना कम है। हालांकि, कंपनी ग्लोबल लेवल पर किफायती AR स्मार्ट ग्लास लाने की योजना बना सकती है, जिससे उसकी XR महत्वाकांक्षाओं को और बढ़ावा मिलेगा।