कानपुर की फैक्ट्री में चार मजदूरों की मौत, कमरे में आग जलाकर सोने से घुटा दम; सुबह मिली लाश
कानपुर के पनकी में निर्माणाधीन फैक्ट्री के कमरे में कोयला जलाकर सो रहे चार मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। बंद कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरने से हादसा हुआ। साथी मजदूरों ने सुबह उन्हें बेहोश पाया। पोस्टमार्टम में दम घुटने की पुष्टि हुई, पुलिस जांच जारी है।
Publish Date: Fri, 21 Nov 2025 07:34:51 AM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Nov 2025 07:34:51 AM (IST)
फैक्ट्री में मजदूरों की मौत से पसरा मातम। (फोटो- एजेंसी)HighLights
- बंद कमरे में कोयला सुलगने से जहरीली गैस भर गई।
- चार मजदूर फर्श पर बेहोश अवस्था में मिले।
- पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत की पुष्टि।
एजेंसी, कानपुर। कानपुर के पनकी औद्योगिक क्षेत्र में एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में चार मजदूरों की मौत का मामला सामने आया है। चारों ने ठंड से बचने के लिए रात में कमरे में आग जलाई थी। सुबह चारों मजदूर मृत पाए गए। साथी मजदूरों ने उन्हें जगाने की कोशिश की, लेकिन अंदर से कोई जवाब न मिला। दरवाजा खोला, तो सभी बेहोश हालत में मिले।
डॉक्टरों और पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कमरे में जलते कोयले के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर गई, जिससे चारों की दम घुटने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दम घुटने की पुष्टि हुई है।
ये है पूरा मामला
- पनकी में कटारिया एडिबल्स एलएलपी की निर्माणाधीन आयल सीड्स फैक्ट्री में बने छोटे कमरे में मजदूर सो रहे थे। 8x8 फीट के इस कमरे में दो खिड़कियां थीं। ठंड से बचने के लिए मजदूरों ने खिड़की और दरवाजे को पूरी तरह से कपड़े ठूंस कर बंद कर रखा था।
- दरवाजे के नीचे की खुली जगह पर भी कपड़ा लगा दिया था। इसी बंद कमरे में तसले में कोयले की आग जल रही थी। सुबह करीब साढ़े आठ बजे साथी मजदूर जब उन्हें उठाने आए, तो किसी की आवाज नहीं आई। धक्का देने पर दरवाजा खोला। सभी मजदूर अचेत पड़े मिले। कमरे में कोयला सुलग रहा था। धुआं पूरी तरह कमरे में फैला हुआ था।
मृतकों की हुई पहचान
मृतकों की पहचान अमित बरनवाल (32), संजू सिंह (22), राहुल सिंह (23) और दाऊद अंसारी (28) के रूप में हुई। चारों यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले थे। फेब्रिकेटर का काम करते थे। कमरे में कोयला सुलगाया गया था, जिसे ब्यायलर टेस्टिंग के दौरान लाया गया था। फैक्ट्री मालिक के साझेदार तरुण कटारिया ने बताया कि मजदूर इसे कमरे में जलाकर सो गए थे।