एजेंसी, आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पुलिस उत्पीड़न का मामला सामने आया है, जहां 65 वर्षीय तारा देवी ने अपने पति विद्यासागर पांडेय के साथ हुई मारपीट और जानलेवा हमले की शिकायत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज कराई। कोर्ट ने इस पर तुरंत संझान लिया, जिसके बाद तत्कालीन पवई थानाध्यक्ष अनिल सिंह, उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार मिश्र, कांस्टेबल बृजेश तिवारी, दो अज्ञात पुलिसकर्मियों और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पीड़िता तारा देवी ने बताया कि 6 अगस्त 2024 को वह पति संग अपने भाई रमेश तिवारी के घर कोलघाट में रुकी हुई थी। रात करीब डेढ़ बजे पुलिसकर्मी उनके भाई के घर पहुंचे और गालीगलौज करने लगे। उन्होंने उनके पति को जगाया और उनसे एक लड़की भगाने के मामले में पूछताछ करने लगे। इस पर उनके पति ने सफाई दी, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने उनके पति को लाठी-डंडों और बंदूक की बट से बुरी तरह पीटा और तीसरी मंजिल की छत से धक्का दे दिया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
आरोप है कि घायल विद्यासागर को पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया और वहां से भाग गए। उन्होंने न तो कोई मेडिकल रिपोर्ट बनवाई और न ही जिम्मेदारी ली। बाद में थानाध्यक्ष अनिल सिंह ने तारा देवी के घर पहुंचकर इलाज के लिए 23,000 रुपये जबरन देने की कोशिश की और धमकी दी, लेकिन तारा देवी ने पैसे लेने से इनकार कर दिया।
इसके बाद तारा देवी ने 23 अगस्त को SSP आजमगढ़ और मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की, लेकिन कार्रवाई न होने पर कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट के आदेश पर 12 सितंबर को मुकदमा दर्ज हुआ और क्षेत्राधिकारी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।