
डिजिटल डेस्क: नाबालिग किशोर या किशोरी यदि वाहन चलाते पाए गए तो इसके लिए सीधे तौर पर उनके अभिभावकों को जिम्मेदार माना जाएगा। ऐसे मामलों में अभिभावक पर न केवल मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि 25 हजार रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह अर्थदंड वाहन चला रहे बच्चे पर नहीं, बल्कि उसके माता-पिता या अभिभावक पर लगेगा।
किशोर और अनुभवहीन चालकों के कारण लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग अब सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। इस संबंध में ARTO अंकिता शुक्ला और सीओ यातायात आलोक पाठक ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा गया तो उसके अभिभावक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी।
किशोर और अकुशल चालकों के कारण हुए गंभीर हादसों की दो घटनाएं केवल उदाहरण भर हैं। ऐसी दुर्घटनाएं जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आम हो चुकी हैं। इन हादसों में किशोरों और युवाओं की जान जाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नवसिखिया चालक न केवल खुद के लिए बल्कि अनुभवी चालकों के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं।
यातायात नियमों का पालन करने वाले लोग भी इन अनुभवहीन चालकों की लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। परिवहन विभाग सुरक्षित और कुशल चालक तैयार करने के लिए मोटर ट्रेनिंग स्कूल और स्वचालित ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र संचालित करता है। यहां पहले सेमुलेटर के जरिए और फिर वास्तविक वाहन से सड़क पर प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही सड़क सुरक्षा और परिवहन नियमों की जानकारी भी दी जाती है। इसके बावजूद लोग बिना प्रशिक्षण के वाहन चलाना सीखते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।
नाबालिग को वाहन चलाते पकड़े जाने पर अभिभावक पर 25 हजार रुपये जुर्माना और मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान काफी समय से मौजूद है, लेकिन अब तक पुलिस या परिवहन विभाग ने इस नियम के तहत कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।