लखनऊ, ब्यूरो। लखनऊ के गोमती नगर में लगी ग्रामीण व कृषि पर्यटन की पहली चौपाल में किसानों को जमकर फायदा हुआ है, जहां किसानों ने पर्यटन से कमाई के कई तरीके सीखे हैं। चौपाल में शामिल ज्यादातर ग्रामीणों ने पर्यटकों के लिए पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाने को बड़ी चुनौती बताया।
भारत में ग्रामीण व कृषि पर्यटन के जनक महाराष्ट्र के पांडुरंग तावरे ने किसानों को बताया कि कैसे गांव में पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि गांव में पर्यटन को बढ़ाने के लिए सबसे पहले यह देखना होगा कि अगर आपके गांव में कोई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है तो उसकी पूरी साफ-सफाई कर उसका प्रचार करें। गांव में एक पर्यटक सूचना केंद्र बनाएं। उनके मुताबिक गांव में किसी पर्यटक के आने पर उसका अच्छे से स्वागत करना चाहिए और उसे कोई गिफ्ट भेंट करना चाहिए।
पांडुरंग तावरे ने आगे कहा कि गांव का भ्रमण कराने से पहले पर्यटकों को गांव पर बनी फिल्म दिखानी चाहिए। पर्यटकों को प्रेरित करना चाहिए कि वे खुद खेतों से सब्जियों को तोड़ें। बच्चों को मिट्टी में खेलने का मौका दें। गांव के शिल्पकारों के घर लेकर जाएं। पर्यटक आपके गांव में तैयार होने वाले उत्पादों को जरूर खरीदेंगे।
उनके मुताबिक, गांव के होम स्टे एकदम साफ सुधरे होने चाहिए। उन्होंने महिलाओं को भी पर्यटन बढ़ाने के बारे में काफी कुछ बताया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा तैयार किए जाने वाले अचार, मसाले व अन्य उत्पादों को तैयार करते हुए दिखाना चाहिए।
साथ ही गांव में कोई झील या तालाब है तो उसे साफ करके पर्यटकों के लिए सैर करने के स्थल के रूप में बदलें। पर्यटन विभाग की विशेष सचिव ईशा प्रिया के निर्देशन में लगी इस चौपाल के बाद ग्रामीणों को चंद्रिका देवी मंदिर और उसके पास बने चन्द्र कांता फार्म सहित कई फार्मों की सैर कराई गई।