ब्यूरो, सिधौली (सीतापुर)। आंख में फेवीक्विक डाले जाने के बाद युवती की आंख की रोशनी कम हो गई है। उसे हिंद अस्पताल से आंख अस्पताल रेफर कर दिया गया है। यहां चिकित्सकों ने उपचार के बाद युवती को दवा देकर घर भेज दिया है।
डॉक्टरों ने आंख ठीक होने में पंद्रह से बीस दिन का समय लगने की बात कही है। उधर, युवती के पिता अपनी बेटी की आंखों की रोशनी लौटाने के लिए इलाज के साथ देवी-देवताओं की मनौती भी कर रहे हैं।
नारायनपुर की मोनी अपने पिता सोबरन के साथ आंख अस्पताल दिखाने आई थीं। उन्होंने बताया कि सात जुलाई की शाम करीब साढ़े सात बजे वह, उनका भाई सोनू, भाभी रूबी, मौसेरा भाई विशाल व विशाल की पत्नी अनामिका और बहन सोनी डेंगरा मेला देखकर डीसीएम से घर लौट रहे थे।
मुजफ्फरपुर क्रासिंग के पास एक कार बीच रास्ते में खड़ी थी। डीसीएम चला रहे सोनू नीचे उतरे और युवकों से कार हटाने को कहा। इतने में ही एक कार सवार युवक नीचे उतरा और कहा जानते हो मेरा नाम देवा मिश्र है।
इतना कहने के बाद वह सोनू को बेल्ट से मारने लगा। सोनू को बचाने के लिए वह पहुंचीं तो देवा ने कार से फेवीक्विक निकाली और उनकी बाईं आंख में डाल दी। इससे आंख में जलन होने लगी। एक पुलिसकर्मी मौके से गुजरा, लेकिन उसने भी कोई मदद नहीं की।
बाद दोनों में युवक कार लेकर भाग गए। मोनी ने बताया कि परिवारजन उन्हें लेकर सीएचसी गए, जहां से जिला अस्पताल भेजा गया। हालांकि, बेहतर इलाज के लिए उन्हें हिंद अस्पताल ले जाया गया।
वहां से आंख अस्पताल रेफर कर दिया गया। आंख अस्पताल के चिकित्सक डा. अरुणेश मिश्र ने बताया कि 15 से 20 दिन में आंख की रोशनी वापस आ जाती है। उधर, पिता सोबरन ने बेटी के आंख की रोशनी फिर से पहले जैसी करने की देवी-देवताओं से मनौती मांग रहे हैं। सोबरन ने बताया कि अगर कुछ गड़बड़ हो गया तो बिटिया की शादी के लाले पड़ जाएंगे।