यूपी डेस्क, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच जंग की स्थिति बनी हुई है. मगर क्या आपको पता है कि ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला खामेनेई का कनेक्शन भारत के यूपी राज्य से है. ईरान के टॉप लीडर अयातुल्ला खामेनेई के दादा का नाम सैयद अहमद मुसावी था. इनका जन्म 19वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ था. साल 1830 में वह ईरान गए थे।
मुसावी किंतूर से ईरान के लिए रवाना हुए थे. बता दें कि किंतूर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के पास का एक गांव है. भारत में जन्मे सैयद अहमद मुसावी गांव के लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने को काफी तत्पर थे और प्रोत्साहित भी किया करते थे। बाराबंकी के किंतूर गांव में रहने वाले डॉक्टर सैयद मोदम्मद रेहान काजमी का परिवार खुमैनी वंश से जुड़ा है और उनके कई रिश्तेदार अब भी ईरान में रहते हैं।
डॉक्टर काजमी ने बताया कि उनके भाई आबिद इस समय ईरान में धर्मशास्त्र की पढ़ाई कर रहे हैं और वहां की स्थिति को लेकर उन्होंने हाल ही में बातचीत की। आबिद का कहना है कि भले ही वहां इस समय थोड़ा सन्नाटा है, लेकिन अगर युद्ध होता है तो वे शहादत के लिए तैयार हैं। गांव के प्रधान मोहम्मद अकरम ने भी बताया कि उनकी निष्ठा भारत के साथ है, लेकिन वर्तमान हालात में वे ईरान के समर्थन में हैं क्योंकि अमेरिका और इजरायल मासूम लोगों का खून बहा रहे हैं।
करीब 230 साल पहले 1790 में बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर तहसील के किंतूर गांव में सैय्यद अहमद मुसावी का जन्म हुआ था। वे 1830 में अवध के नवाब के साथ धर्म यात्रा पर इराक गए और बाद में ईरान के खुमैन गांव में बस गए। उन्होंने अपने नाम के आगे ‘हिंदी’ जोड़ा ताकि उनकी भारतीय पहचान बनी रहे। उनके पोते रूहुल्लाह, जो आगे चलकर अयातुल्ला खामेनेई के नाम से प्रसिद्ध हुए, ईरान की इस्लामी क्रांति के नायक बने। 1979 में ईरान में इस्लामी सरकार की स्थापना हुई और खामेनेई पहले सुप्रीम लीडर घोषित किए गए।
वर्तमान समय में ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है। ईरान ने इजरायल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिसमें दक्षिण इजरायल के सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया गया। इस हमले की पुष्टि इजरायल के विदेश मंत्रालय ने की है। यह हमला क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात पैदा कर रहा है, जो पूरी दुनिया की शांति के लिए चिंता का विषय है।
इसे भी पढ़ें... ‘तेहरान में तानाशाहों से पूरी कीमत वसूलेंगे’... अस्पताल और रिहायशी इलाकों में ईरान ने दागी बैलिस्टिक मिसाइलें, तो भड़के बेंजामिन नेतन्याहू