
डिजिटल डेस्क: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं को नकल-मुक्त बनाने के लिए इस बार डिजिटल निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। अब किसी दूसरे के स्थान पर याददाश्त के दम पर परीक्षा देने वाले ‘मुन्नाभाई’ परीक्षा केंद्र तक भी नहीं पहुंच सकेंगे।
फर्जी परीक्षार्थियों पर लगाम लगाने के लिए बोर्ड प्रवेश पत्रों को आधार नंबर से जोड़ने और परीक्षा केंद्र पर आधार सत्यापन को अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है। यदि किसी प्रकार की तकनीकी बाधा सामने नहीं आई, तो यह व्यवस्था इसी वर्ष लागू कर दी जाएगी।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं 18 फरवरी से 12 मार्च तक आयोजित होंगी। इसके लिए कुल 136 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं।
इस वर्ष हाईस्कूल में कुल 51,480 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ है, जिनमें 29,017 बालक और 22,463 बालिकाएं शामिल हैं। वहीं इंटरमीडिएट में 49,146 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें 29,139 बालक और 20,007 बालिकाएं हैं।
परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों से लैस कॉलेजों को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जिनकी निगरानी जिला मुख्यालय से की जाएगी। इसके साथ ही प्रत्येक परीक्षा केंद्र की जियो टैगिंग कराई गई है और उत्तर पुस्तिकाओं के प्रारूप में भी बदलाव किया गया है।
इसके अलावा केंद्र व्यवस्थापक, निरीक्षक, परीक्षक और अन्य स्टाफ के लिए क्यूआर कोड युक्त पहचान पत्र जारी करने की योजना है, जिससे किसी बाहरी व्यक्ति या अयोग्य शिक्षक की ड्यूटी न लग सके।
आधार से कसेगा फर्जी परीक्षार्थियों पर शिकंजा
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में हर वर्ष बड़ी संख्या में फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाते हैं। फिरोजाबाद और आसपास के इलाकों में सक्रिय साल्वर गैंग पहले भी उजागर हो चुके हैं, जो फर्जी प्रवेश पत्रों के जरिए परीक्षा देने के लिए साल्वर उपलब्ध कराते हैं।
हालांकि बोर्ड और सरकार की सख्ती के बावजूद ऐसे परीक्षार्थी कई बार केंद्रों में प्रवेश कर जाते हैं। इसे पूरी तरह रोकने के लिए बोर्ड अब आधार आधारित सत्यापन लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत परीक्षा केंद्र पर पहुंचने वाले प्रत्येक छात्र के प्रवेश पत्र का मिलान फोटो युक्त आधार कार्ड से किया जाएगा, जिससे फर्जी उपस्थिति तुरंत पकड़ में आ सकेगी।
समस्त बोर्ड परीक्षार्थियों की पहले से ही अपार ID बनी हुई है, जो आधार से लिंक है। ऐसे में प्रवेश पत्र को आधार नंबर से लिंक करना बहुत आसान होगा। यह व्यवस्था लागू होती है तो फर्जी परीक्षार्थी केंद्र में प्रवेश तक नहीं कर पाएंगे।
-डॉ. पूरन सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक।