ब्यूरो, बिजनौर। मोबाइल की लत बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर से सामने आया है। जहां पर रेलवे लाइन पर टहलते हुए मोबाइल देख रहे दो भाइयों की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। दोनों तहेरे व चचेरे भाई थे। उनके घर रेलवे लाइन के पास ही हैं। स्वजन ने शवों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
गांव मोहड़ा के बीच से रेलवे लाइन गुजर रही है, जिसके दोनों ओर मकान बने हैं। गुरुवार रात लगभग साढ़े आठ बजे रेलवे ट्रैक के पास रहने वाला 18 वर्षीय प्रिंस कुमार और उसके पड़ोस में रहने वाला उसका चचेरा भाई 16 वर्षीय शिवम खाना खाने के बाद रेलवे लाइन पर टहलते हुए मोबाइल देख रहे थे।
इसी दौरान धामपुर की ओर से मुरादाबाद की तरफ जाने वाली लाइन पर ट्रेन आ गई। दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। आसपास के लोगों ने स्वजन को सूचना दी। कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि प्रिंस मजदूरी करता था जबकि शिवम पढ़ रहा था।
वहीं, शहर के सिविल लाइन स्थित अस्पताल में बुधवार रात छह माह के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वजन ने अस्पताल स्टाफ पर एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। दरअसल, नहटौर थाना क्षेत्र के हमीदपुर निवासी नितिन ने अपने छह माह के बेटे लवीश को डायरिया की शिकायत पर शहर के सिविल लाइन स्थित एके अग्रवाल विमल चाइल्ड केयर सेंटर में भर्ती कराया था।
चिकित्सक ने खून की कमी बताते हुए ब्लड चढ़ाने को कहा। खून चढ़ाने के दौरान बच्चे की हालत बिगड़ गई। इस पर कंपाउंडर ने इंजेक्शन लगा दिया। स्वजन का आरोप है कि कंपाउंडर नशे की हालत में था। आरोप है कि इंजेक्शन लगने के बाद ही बच्चे की हालत ज्यादा खराब हो गई। कुछ देर बाद उसकी की मौत हो गई।
स्वजन ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने गुस्साए लोगों को शांत कराया। स्वजन ने चिकित्सक और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।