
एजेंसी, वृंदावन। वृंदावन में शनिवार सुबह आध्यात्मिक माहौल खास रहा, जब बीज मंत्र के जरिए लोगों का उद्धार करने वाले ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी, संत प्रेमानंद महाराज से मिलने उनके आश्रम पहुंचे। श्रीराधा केलिकुंज में दोनों संतों के बीच मंत्रशक्ति, संतों की महिमा और अध्यात्म पर गहन बातचीत हुई।
संत प्रेमानंद ने उनका स्वागत-सत्कार किया और बताया कि मंत्र की असली शक्ति संतों के अधीन होती है, इसलिए पुराणों में संतों की महिमा का विशेष वर्णन मिलता है।
चर्चा के दौरान ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने बताया कि वे बीज मंत्रों से लाखों लोगों को रोगमुक्त कर चुके हैं। इस पर संत प्रेमानंद ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें भी किडनी रोग है। नियमित डायलिसिस होता है, पैरों में सूजन रहती है, लेकिन वे खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं। यह उनके साधना बल और संतत्व की शक्ति का परिणाम है।
राधा निकुंज आश्रम, रमणरेती मार्ग पर स्थित प्रेमानंद महाराज का आश्रम, प्रतिदिन हजारों भक्तों के आगमन का केंद्र है। उनकी दोनों किडनियां करीब डेढ़ दशक से खराब हैं। डायलिसिस के बावजूद वे प्रतिदिन आश्रम से परिक्रमा के लिए निकलते हैं। उनकी झलक पाने के लिए भक्त रात दो बजे से ही परिक्रमा मार्ग पर जुटने लगते हैं।
करीब दो वर्ष पहले क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद देशभर से बड़ी हस्तियां भी उनसे मिलने आने लगीं।
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कानपुर के मूल निवासी प्रेमानंद महाराज पहले पूरे ब्रज में मधुकरी करते थे। जो प्रसाद मिलता, वही ग्रहण करते थे। आज उनके प्रवचन सोशल मीडिया पर लाखों लोग सुनते हैं और उन्हें ब्रजभक्ति की एक अत्यंत प्रभावशाली आवाज माना जाता है।