ब्यूरो, पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों में रोज लगभग 500 लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। शहर की घनी आबादी वाले मोहल्लों से लेकर नव विकसित क्षेत्रों में करीब 50 हजार आवारा कुत्ते होंगे। इनके अलावा करीब 3 हजार से ज्यादा देशी, विदेशी नस्ल के पालतू कुत्ते भी हैं।
शहर से लेकर देहात तक 1 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते आफत बन चुके हैं। रात होते ही सड़कों पर इनका आतंक शुरू हो जाता है। सबसे अधिक शहर के बाग गुलशेर खां, जोशी टोला, नौगवां चौराहा, छतरी चौराहा, गौहनिया चौराहा, स्टेडियम रोड, मुख्य बाजार, आशोक कालोनी, कचहरी, नई वस्ती, राजीव कालोनी, कोतवाली, रेलवे परिक्षेत्र, पुराना बस स्टैंड, जिला अस्पताल में आवारा कुत्तों का आतंक हैं।
यहां रात के समय वाहन निकलने पर वह पीछे दौड़ लगाते हैं। लेकिन पशु चिकित्सा अधिकारी प्रवीन त्यागी के अनुसार निकाय क्षेत्र में 615, देहात में 1631 कुत्तों की संख्या हैं। वहीं नगर पालिका के ईओ कुत्तों के पंजीकरण की जानकारी नहीं हैं। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही आमजन को घायल कर रहे हैं। अब तक जिला अस्पताल में पिछले पांच माह से 17,344 लोगों को एंटी रेबीज का टीका लग चुका हैं।
शनिवार को 12 बजे तक चली जिला अस्पताल ओपीडी के दौरान 137 लोग कुत्ते के काटने से घायल पहुंचे, जिन्हें एंटी रेबीज का टीका लगाया गया। इतनी बड़ी तादाद में लोगों को कुत्ते काट रहे लेकिन उसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।
सोमवार - 137
मंगलवार- 143
बुधवार- 126गुरुवार- 104
शनिवार - 137
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मार्च - 3375
अप्रैल - 3418
मई - 3495
जून - 3507
जुलाई - 3549
पीलीभीत के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी प्रदीप त्यागी का कहना है कि गर्मी के कारण कुत्तों के हार्मोंस में उत्तेजना आ जाती है। जिस कारण वह इस मौसम में चिड़चिडे हो जाते हैं। गर्मी के मौसम में कुत्तों के काटने के बढ़ने का कारण सबसे बड़ा गर्मी है।