बढ़ती उम्र का असर सेहत पर भी धीरे-धीरे पड़ने लगता है। उम्र संबंधी बीमारियों से बचने के लिए समय से ही योग को दिनचर्या का हिस्सा बना लें।
इस आसन को करने से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। साथ ही, इससे रीढ़ की हड्डी को सीधा रखना आसान हो जाता है।
यह आसन संतुलन और स्थिरता बढ़ाने में मदद करता है। पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए वृक्षासन का अभ्यास करें।
पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए भुजंगासन को फायदेमंद माना जाता है। यह योगासन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
यह एक संपूर्ण व्यायाम होता है, जो पूरे शरीर को सक्रिय करने का काम करता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस योगासन का अभ्यास करने वालों का बढ़ती उम्र की बीमारियों से बचाव होता है।
बुढ़ापा जैसे पास आता है, वैसे ही मांसपेशियों में अकड़न महसूस होने लगती है। इस समस्या का समाधान करने में सूर्य नमस्कार मदद कर सकता है।
योग की दुनिया में शवासन को सबसे आसान योगासन माना जाात है। हालांकि, यह अलग बात है कि इसे करने से सेहत को चमत्कारी लाभ मिलते हैं।
मेंटल हेल्थ को सुधारने का काम शवासन करता है। इस आसन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से मेंटल स्ट्रेस कम हो सकता है।