स्ट्रेचिंग करने से शरीर मजबूत और फ्लेक्सिबल रखने में मदद करता है। यह मसल्स को रिलैक्स करके शरीर की मूवमेंट को अच्छा बनाने में मदद करता है। नियमित स्ट्रेचिंग करने से शरीर की अकड़न दूर होती है। शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए अपने रूटीन में इन 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करें।
फॉरवर्ड बेंडिंग करने से रीढ़ की हड्डी स्ट्रांग होती है, पैरों की नसे खुलती हैं और पूरा शरीर फ्लेक्सिबल होता है। इसे सीधा खड़े होकर शरीर को आगे की ओर झुकना होता है।
यह स्ट्रेच करने से रीढ़ की हड्डी फ्लेक्सिबल होती है और पीठ का दर्द दूर होता है। इसे करने के लिए बिल्ली और गाय की तरह आगे-पीछे हिलाया जाता है, जिससे कमर और गर्दन की जकड़न कम होती है।
इसे करने के लिए पैरों को मोड़कर तलवों को आपस में मिलाया जाता है और घुटनों को ऊपर-नीचे किया जाता है। इसे करने से थाई, कूल्हों और घुटनों की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है और पैर मजबूत होते हैं।
इस स्ट्रेच को करने से पीठ के दर्द से राहत मिलती है और शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। इसे करने के लिए पेट के बल लेटकर शरीर को पीछे की ओर उठाया जाता है।
कंधों की जकड़न को कम करने के लिए और बॉडी पॉश्चर के लिए यह स्ट्रेच बहुत फायदेमंद है। हाथ को दूसरे हाथ से पकड़कर धीरे-धीरे स्ट्रेच किया जाता है, जिससे गर्दन और कंधों की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
रोजाना बॉडी स्ट्रेचिंग 15 मिनट के लिए करने से मसल्स की अकड़न दूर होती है और शरीर हल्का महसूस होता है। इससे बॉडी फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और मेंटल स्ट्रेस भी कम होता है।
आप भी अपनी बॉडी को फ्लेक्सिबल और स्ट्रांग बनाने के लिए इन 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करें। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए naidunia.com पर क्लिक करें।