जीवन में हमें कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं जिसमें हम सहज महसूस नहीं करते हैं। आइए जानते हैं एडजस्टमेंट डिसऑर्डर के लक्षण और बचाव के तरीके।
एडजस्टमेंट डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति को कहते हैं जिसमें व्यक्ति लंबा समय बिताने के बाद भी खुद को ढाल नहीं पाते हैं। यदि यह दिक्कत 6 महीने तक होती रहती हैं तो इस एडजस्टमेंट डिसऑर्डर कहते हैं।
एडजस्टमेंट डिसऑर्डर के कई लक्षण होते हैं जिसमें व्यक्ति के साथ विद्रोही व्यवहार, अनावश्यक चिंता, निराशा और लाचारी महसूस होना और आत्मविश्वास का कमजोर पड़ना हैं।
एडजस्टमेंट डिसऑर्डर होने की वजह एकाग्रता की कमी और स्थायी उदासी शामिल हैं। इस मामले में लोग अक्सर अपने आसपास के लोगों से बात करना भी नजरअंदाज करते हैं।
इस डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों में कई ऐसे शारीरिक लक्षण भी दिखते हैं जिससे यह पता लगाया जा सकता हैं कि वो एडजस्टमेंट डिसऑर्डर का शिकार हैं।
एडजस्टमेंट डिसऑर्डर के शारीरिक लक्षणों में दर्द या सूज, बिना मतलब की थकान, डाइजेस्टिव सिस्टम में गड़बड़ी और अनिद्रा आदि शामिल हैं।
जब भी आप नए माहौल में जाए तो सबसे पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लें। चुप रहना किसी भी चीज का हल नहीं हैं इसलिए भरोसेमंद लोगों से अपनी बातें शेयर करें।
एडजस्टमेंट डिसऑर्डर के शिकार व्यक्ति के प्रति उसके फैमिली मेंबर्स, पड़ोसी और दोस्तो की भी जिम्मेदार बनती हैं कि उसे सहज महसूस करवाए। समस्या गंभीर होने पर एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।