मनुष्य का जन्म बहुत पुण्यों के बाद होता है। आइए जानते है मनुष्य का जन्म पाने के लिए किस प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है।
पूर्ण परमात्मा की असीम कृपा से मनुष्य का जन्म मिलता हैं। मनुष्य के जन्म के लिए देव लोक के वासी भी तड़पते है और परमात्मा से प्रार्थना करते है।
मनुष्य के रूप में जन्म लेने के बाद तत्त्वदर्श सतगुरु की शरण में जाकर मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। मनुष्य का जन्म प्रक्रियाओं से गुजरते हुए होता है।
पद्म-पुराण के एक श्लोक में मिलता है 84 लाख योनियों का वर्णन मिलता है। इन 84 लाख योनियों में वृक्ष, कीड़े, पक्षी, पानी के जीव आदि शामिल है।
पद्म-पुराण के अनुसार, 84 लाख योनियों में 30 लाख प्रकार के वृक्ष होते है। इसके अलावा अन्य जीव, जंतु और अन्य प्रकार की चीजें होती है।
84 लाख योनियों में 27 लाख प्रकार के कीड़े भी होते है। मनुष्य का जन्म मिलने से पहले व्यक्ति 84 लाख योनियों में भटकता है।
84 लाख योनियों में 14 लाख प्रकार के पक्षी और 9 लाख प्रकार के पानी के जीव भी होते है। इस जीवन के बाद भी इन्हें मनुष्य का जीवन नहीं मिलता है।
इन योनियों में चार लाख प्रकार के पशु, जिन्न, भूत, प्रेत होते है। इन्हें भी संतों ने 4 प्रकार के खंडों में डज, जरायुज, स्वेतज, उदभज में बांटा है। इतने जन्मों के बाद मनुष्य का जन्म प्राप्त होता है।
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