हिंदू धर्म में पूजा के समय दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इसे जलाने के लिए मिट्टी के दीपक में रुई की बाती के साथ घी और तेल डालना पड़ता है।
कई बार जलते-जलते दीपक की बाती खत्म हो जाती है, जिससे दीया बुझ जाता है। कुछ लोग दीपक को हटा देते हैं तो वहीं, कुछ दूसरी बाती डाल देते हैं।
अब ऐसे में आपके मन में यह सवाल आता होगा कि क्या बुझे हुए दीपक में दोबारा बाती डालकर जलाना सही है या नहीं? आइए हम इसका जवाब बताते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पुरानी बाती में ही लगातार घी या तेल डालकर दीपक का जलना शुभ माना गया है। यानी कि दूसरी बाती का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
जब हम ईश्वर के सामने दीया जलाते हैं अगर वह दीया धातु से बना हुआ है, तो ऐसे में उसे धोकर अच्छे से उसमें शुद्ध घी या तेल डालकर बाती दें। उसके बाद उसे जलाएं।
अब मन में एक और सवाल आता होगा कि पुराने दीपक वाली जली हुई बाती का क्या करें? उसे लगातार छोड़ने पर घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।
ऐसी मान्यता है कि जली हुई बाती में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में लगातार 10 दिन जली हुई बाती को जमा करें और 11वें दिन इकठ्ठा कर एक बड़े दीपक में जला दें।/
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।