सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
शिवलिंग पर अर्पित जल भी बहुत शुभ माना जाता है। इसे शरीर पर लगाने से कई तरह के ग्रह दोष दूर होते हैं।
शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उस जल को अंगुलियों में लेकर अपनी आंख, कंठ और मस्तक पर लगाएं।
आंख, मस्तक और कंठ पर शिवलिंग पर चढ़ा जल लगाने से नव ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
साथ ही शिवलिंग का जल लगाने से कुंडली में शनि, मंगल, राहु, केतु, बुध, बुध, शुक्र, सूर्य और गुरु की स्थिति मजबूत होती है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, मस्तक पर ग्रहों के राजा सूर्य का स्थान होता है। इसके साथ ही आंख और खून पर मंगल का प्रभाव होता है।
जीभ और दांत में बुध का, सिर की चोटी और मुख में राहु का और कंठ पर केतु का असर होता है।
शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग से बहते हुए जल को शरीर के इन अंगों में लगाने से संबंधित ग्रहों के दोष दूर होते हैं।
इस तरह शिवलिंग पर चढ़ाए जल को शरीर के अंगों में लगाने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।