एकलव्य और अर्जुन में श्रेष्ठ धनुर्धारी कौन था ?


By Prakhar Pandey02, Mar 2024 03:39 PMnaidunia.com

महाभारत के पात्र

एकलव्य और अर्जुन का उल्लेख महाभारत के ग्रंथ में मिलता है। आइए जानते है आखिर क्यों आज भी अर्जुन और एकलव्य को लेकर श्रेष्ठ धनुर्धारी की प्रतिद्वंदिता की बात होती है?

पांडू पुत्र अर्जुन

हस्तिनापुर के राजा पांडू के पुत्र अर्जुन को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी माना जाता है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह अर्जुन को मिला प्रशिक्षण और धनुर्विद्या सीखने के प्रति ललक थी।

धनुर्धारी अर्जुन

महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने अपने धनुष से कौरवों की कई अक्षौहिणी सेना का विनाश किया था। अपने युद्ध कौशल के चलते अर्जुन ने महाभारत के युद्ध में बड़े से बड़े योद्धा को युद्धभूमि में पराजित किया था।

गुरु द्रोणाचार्य

अर्जुन को धनुर्विद्या का ज्ञान गुरुकुल में गुरु द्रोणाचार्य से मिला था। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अर्जुन गुरु द्रोण के सबसे पसंदीदा शिष्य थे। गुरु द्रोण अर्जुन की लगन और मेहनत देख काफी प्रसन्न होते थे।

एकलव्य का किरदार

एकलव्य ने चोरी छुपके गुरु द्रोणाचार्य को धनुर्विद्या देता देख धनुष चलाना सीखा था। बिना किसी खास प्रशिक्षण के भी एकलव्य एक बेहतरीन धनुर्विद्या सीख चुके थे।

अंगूठे का त्याग

जब गुरु द्रोण को यह पता चला कि एकलव्य ने चोरी से उन्हें देखकर धनुर्विद्या सीखी है तो वह अचंभित रह गए थे। गुरु द्रोण ने एकलव्य से गुरु दक्षिणा की मांग करते हुए उसका अंगूठा मांग लिया।

अद्भुत किरदार

गुरु द्रोण की मूर्ति बनाकर उनसे प्रशिक्षण लेने वाला एकलव्य भी महाभारत का सबसे अद्भुत किरदार था। गुरु द्रोण के मांगने पर एकलव्य ने अपना अंगूठा काटकर गुरु दक्षिणा में दे दिया था।

कौन था सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी?

अर्जुन और एकलव्य के बीच कभी भी सीधी प्रतिद्वंदिता नहीं हो सकी। ऐसे में यह कह पाना की मुश्किल है कि  दोनों में श्रेष्ठ धनुर्धारी कौन था। हालांकि, गुरु द्रोण पर यह आरोप भी लगाया जाता है कि अर्जुन को विश्व का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी बनाने के लिए उन्होंने एकलव्य का अंगूठा मांगा था।

अगर अर्जुन और एकलव्य से जुड़ी यह स्टोरी आपको पसंद आई तो ऐसी ही धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ

पूजा में दीपक प्रज्वलित करने का महत्व क्या है?