किसी भी देवी-देवता की पूजा हो, सूर्यदेव का स्मरण जरूर किया जाता है, लेकिन सूर्यदेव की पूजा हमेशा दिन में की जाती है। सूर्यास्त के बाद उनकी पूजा शुभ नहीं मानी जाती है।
पूजा में तुलसी का उपयोग काफी शुभ माना गया है। भगवान विष्णु और कृष्ण को तुलसी बेहद प्रिय है, लेकिन सूर्य अस्त के बाद तुलसी की पत्तियां न तोड़ें, न पूजा में उपयोग करें।
सुबह की पूजा में शंख और घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। सूर्यास्त के बाद भगवान सोने चले जाते हैं। ऐसे में शंख या घंटी बजाना उनके आराम में विघ्न डालता है।
सुबह की पूजा में भगवान को फूल चढ़ाते हैं तो अच्छी बात है, लेकिन शाम को पूजा करते समय भगवान को फूल न चढ़ाएं। शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शाम के वक्त पूजा करते समय दो दीपक जलाने चाहिए, एक घी का और एक तेल का। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
शाम को पूजा होने के बाद इसका ध्यान रखें कि भगवान को शयन में किसी तरह की समस्या न हो। इसके लिए पर्दा डालकर रखें और सुबह होने पर ही पर्दा हटाएं।