सामान्य तौर पर बच्चे जन्म के बाद अपने माता-पिता के साथ सोते हैं। लेकिन आज के समय में न्यूक्लियर फैमिली का कलचर बढ़ रहा है।
बहुत से पेरेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उन्हें बच्चों को अपने साथ सुलाना चाहिए या नहीं, आज हम इस लेख में जानेंगे।
बच्चे जब अपने माता-पिता के साथ सोते हैं तो उन्हें बेहतर नींद आती है। साथ ही बच्चों को इमोशनल सपोर्ट भी मिलता है।
बच्चों को 7 साल की उम्र तक साथ सुलाना फायदेमंद माना जाता है। इससे बच्चे बिना डरे और बिना किसी चिंता के सो सकते हैं।
बच्चों को एकदम से अलग कमरे में ना सुलाए, इसके लिए आप पहले उन्हें मेंटली तैयार करें।
बच्चों को अकेले सुलाने समय कुछ दिन उनके बेडरूम का दरवाजा खोलकर रखें ताकि रात को बच्चे को डर लगने पर वो आपके पास आ सके।
बच्चों को अकेले सुलाने की आदत लगाते समय आप उन्हें रात को 2 से 3 देखे कि वह ठीक से सोया है या नहीं।
अगर बच्चा रात को उठता नहीं है और रात को अलग बैड पर सोता है, तो आप बच्चे को अलग सुला सकते हैं। लेकिन अगर बच्चा रात को डरता है तो उसे फिलहाल साथ सुलाएं।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए दी गई है, ऐसी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें naidunia.com